कैम्ब्रिज: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 2020 में चेतावनी देते हुए बताया था कि दुनिया में हृदय रोग से मरने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. स्थिति सालों से यही है. हृदय रोग का जो भी इलाज उपलब्ध है, वो या तो बहुत महंगा है या लोगों की पहुंच से बाहर है. बायोटेक कंपनी वर्व थेराप्यूटिक्स के पास इस बीमारी का सामाधान खोज निकाला है. इनका कहना है कि खराब कोलेस्ट्रॉल को बनने से रोकन के लिए, मानव जीनोम को बदलना अच्छा विकल्प हो सकता है.
जीन ए़डिटिंग का इस्तेमाल कर होगा उपचार
ब्लूमबर्ग में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार बायोटेक कंपनी वर्व थेराप्यूटिक्स को गूगल वेंचर्स से समर्थन मिला है. वर्व थेराप्यूटिक्स के सीईओ शेखर काथिरेसन का कहना है कि करोड़ों लोगों को प्रभावित करने वाली इस बीमारी के लिए, जीन एडिटिंग तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. इस तकनीक का इस्तेमाल उन गंभीर मरीजों के लिए किया जाएगा, जिनके लिए यह बीमारी वंशानुगत है और जिन्हें पहले दिल का दौरा पड़ चुका है. रिपोर्ट के अनुसार, CRISPR जीन एडिटिंग का इस्तेमाल कंपनी करेगी. इससे डीएनए सिक्वेंस को आसानी से बदल सकते हैं और जीन फंक्शन को मॉडिफाई कर सकते हैं.
मेडिकल जगत में होगी नयी क्रांति
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि दुनिया में हृदय रोग से सबसे ज्यादा मौत होती है. इसका अब तक सफल उपचार नहीं मिल सका है. अगर CRISPR जीन एडिटिंग के इस्तेमाल से दिल की बीमारी से जूझ रहे लोगों की जान बचती है, तो मेडिकल जगत के लिए यह किसी क्रांति से कम नहीं होगी. यह इलाज, फिलाहल उपलब्ध इलाजों की तुलना में सस्ता होगा. करोड़ों लोगों को दिल की बीमारी से छुटकारा मिल जायेगा