नयी दिल्ली : नये कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों की गणतंत्र दिवस के मौके पर 26 जनवरी को प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली को लेकर हस्तक्षेप करनेवाली याचिका केंद्र सरकार ने बुधवार को वापस ले ली. मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मानदंड यह है कि पुलिस तय करती है कि अनुमति दी जानी चाहिए या नहीं. इसके बाद केंद्र सरकार ने याचिका वापस ले ली.
प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यम की पीठ ने कानून के तहत दिल्ली पुलिस के अधिकार का हवाला देते हुए केंद्र सरकार की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले 12 जनवरी को याचिका पर नोटिस जारी की थी. सीजेआई ने कहा था कि केंद्र सरकार को बताने की जरूरत नहीं है कि स्थिति से निबटने के लिए उनके पास कानून है.
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने तीनों नये कृषि कानूनों के कार्यान्वयन पर रोक लगाते हुए किसानों के साथ बातचीत के लिए समिति गठित की थी. साथ ही समिति को दो माह के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था.
साथ ही कहा कहा था कि सभी किसान यूनियन 'कमेटी' के समक्ष उपस्थित होंगे. इसके साथ ही तय हो गया था कि किसान संगठनों को बातचीत में भाग लेना अनिवार्य था. हालांकि, प्रदर्शनकारी संगठनों ने कहा है कि वे समिति के सामने पेश नहीं होंगे.