BJP:दिल्ली में 27 साल बाद आखिरकार रेखा गुप्ता के नेतृत्व में भाजपा सरकार का गठन हो चुका है. विधानसभा चुनाव में भाजपा ने आम आदमी पार्टी को सत्ता से हटाने के लिए कई वादे किये थे. उन वादों का जनता पर असर भी हुआ और भाजपा को दिल्ली की जनता ने पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने का जनादेश दिया. ऐसे में सरकार बनने के बाद रेखा गुप्ता के समक्ष कई चुनौतियां भी है.
कई मुद्दों पर तत्काल कदम उठाने की भी जरूरत है. क्योंकि इन मुद्दों के हल न होने से दिल्ली की जनता पिछले काफी समय से परेशान रही है. प्रदूषण और यमुना की सफाई का मुद्दा काफी पुराना है और इस दिशा में अब तक कारगर कदम नहीं उठाया गया है. मौजूदा सरकार ने प्रदूषण और यमुना की सफाई करने का वादा किया है. साथ ही पहले से चली आ रही जनकल्याणकारी योजनाओं को जारी रखने का वादा किया है.
वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाये रखने की चुनौती
वादों को पूरा करने के साथ ही दिल्ली की वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाए रखना सरकार के लिए बड़ी चुनौती होने वाली है. आम आदमी पार्टी दावा करती रही है कि जनकल्याणकारी योजनाओं को लागू रखने के बाद भी दिल्ली का बजट कभी घाटे में नहीं रहा. ऐसे में भाजपा सरकार को चुनाव में किए गए वादों को पूरा करने के साथ ही वित्तीय प्रबंधन पर भी विशेष ध्यान देना होगा. लेकिन ऐसा करना मौजूदा सरकार के लिए मुश्किल हो सकता है. क्योंकि पार्टी ने चुनाव के दौरान महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये देने का वादा किया है और उम्मीद जतायी जा रही है कि महिला सम्मान योजना की पहली किस्त 8 मार्च को जारी होगी. सिर्फ इसी वादे को पूरा करने पर हजारों करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है.
आप की राह पर चलने में हो सकती है परेशानी
भाजपा ने चुनाव के दौरान दिल्ली के लोगों से वादा किया था कि 200 यूनिट मुफ्त बिजली, मुफ्त पानी और महिलाओं का बसों में मुफ्त सफर की योजना जारी रहेगी. इसके अलावा पार्टी की ओर से आयुष्मान भारत योजना लागू करने, मोहल्ला क्लिनिक को बेहतर बनाने, महिलाओं को सम्मान राशि देने का वादा करने के साथ सड़क और सीवेज सिस्टम को बेहतर करने की बात कही गयी है. दिल्ली में सड़क और सीवेज सिस्टम एक बड़ा मुद्दा है और इसे ठीक करने के लिए व्यापक पैमाने पर फंड की जरूरत होगी. कल्याणकारी वादों के साथ विकास को आगे बढ़ाना सरकार के लिए परेशानी का सबब बन सकता है. स्वच्छ हवा, शुद्ध पानी और स्वच्छ दिल्ली के नारे को अब हकीकत में बदलनी होगी.
सरकार को प्रदूषण और यमुना की सफाई पर काम करना होगा. दोनों मुद्दे भाजपा सरकार का भविष्य तय करेंगे. दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार को समग्र नीति बनानी होगी और विभिन्न राज्यों के साथ मिलकर ठोस कदम उठाना होगा. यह भाजपा के लिए आसान भी है, क्योंकि एनसीआर में भी भाजपा की ही सरकार है. दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के सीमा दिल्ली से मिलते हैं और इन राज्यों के हिस्से भी एनसीआर के क्षेत्र है.
वादे पूरा न होने पर सियासी नुकसान की संभावना
जानकार बताते हैं कि यदि भाजपा सरकार अपने वादे को पूरा करने में पूरी ईमानदारी बरतती है, तो ऐसा कोई कारण नहीं है, जिससे यमुना साफ न हो और दिल्ली में प्रदूषण की समस्या से निजात न मिले. यमुना में फैक्ट्री आदि के गंदे पानी मिलाने को लेकर जिस तरह से राजनीति हुई है, उस पर भी विराम लगेगा, क्योंकि अब हरियाणा और दिल्ली में भी भाजपा की सरकार है. भाजपा अपने वादे को पूरा करती है, तो इस बार की गर्मी में दिल्ली के लोगों को पानी की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा. इसके अलावा यमुना भी साफ होगी. यदि इन मुद्दों को हल करने में भाजपा सफल हो गयी तो आने वाले समय में पार्टी की दिल्ली की सत्ता पर मजबूत पकड़ बन जाएगी. लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो आने वाले समय में पार्टी को सियासी नुकसान उठाना पड़ सकता है.