Bihar election 2025: बिहार विधान सभा के आम चुनाव और 8 विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनावों की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) लागू हो गई है. चुनाव आयोग की ओर से 6 अक्टूबर, 2025 को इसकी घोषणा की गयी थी. अब चुनाव आयोग आदर्श आचार संहिता का पालन सहित चुनाव को पारदर्शी और शांतिपूर्ण ढंग से कराने को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया है. साथ ही बिहार में दो चरणों के चुनाव को सुचारू और व्यवस्थित ढंग से संपन्न कराने के लिए लगभग 8.5 लाख चुनाव निर्वाचन अधिकारियों को तैनात किया गया है. तैनात किए जाने वाले कर्मियों में लगभग 4.53 लाख मतदान कर्मी, 2.5 लाख पुलिस अधिकारी, 28,370 मतगणना कर्मी, 17,875 माइक्रो ऑब्जर्वर, 9,625 सेक्टर अधिकारी, मतगणना के लिए 4,840 माइक्रो ऑब्जर्वर और 90,712 आंगनवाड़ी सेविकाएं भी शामिल हैं.
चुनाव आयोग के मुताबिक 90,712 बीएलओ और 243 ईआरओ सहित चुनाव मशीनरी मतदाताओं के लिए फोन कॉल पर और ईसीआईनेट ऐप पर “बुक-अ-कॉल टू बीएलओ” सुविधा के माध्यम से उपलब्ध है. जिला निर्वाचन अधिकारी/पंजीकरण अधिकारी स्तर पर किसी भी शिकायत/प्रश्न को दर्ज करने के लिए कॉल सेंटर नंबर +91 (एसटीडी कोड) 1950 भी उपलब्ध है. जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 28 ए के प्रावधानों के अनुसार तैनात सभी कार्मिक चुनाव आयोग में प्रतिनियुक्ति पर माने जाएंगे.
पहली बार बिहार के 243 निर्वाचन क्षेत्रों में से प्रत्येक के लिए एक सामान्य पर्यवेक्षक तैनात किया गया है जो आयोग की आंख और कान के रूप में कार्य करेगा. इसके अलावा 38 पुलिस पर्यवेक्षक और 67 व्यय पर्यवेक्षक भी तैनात किए गए हैं. ये पर्यवेक्षक अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में तैनात रहेंगे और राजनीतिक दलों/उम्मीदवारों से नियमित रूप से मिलकर उनकी चिंताओं का समाधान करेंगे.
आदर्श आचार संहिता का सख्ती से पालन करने का निर्देश
चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को प्रतिद्वंद्वी दलों/उम्मीदवारों को लक्षित करने वाले आर्टिफिशियल वीडियो के लिए एआई के उपयोग पर आदर्श आचार संहिता और प्रासंगिक दिशानिर्देशों का पालन करने का निर्देश भी दिया है. आयोग की ओर से बताया गया है कि 6 अक्टूबर, 2025 को बिहार विधान सभा के आम चुनाव और 8 विधानसभा क्षेत्रों के चुनावों की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) लागू हो गई है. ये प्रावधान उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों द्वारा सोशल मीडिया सहित इंटरनेट पर पोस्ट की जा रही सामग्री पर भी लागू होंगे. दलों और उम्मीदवारों को अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं के निजी जीवन के उन सभी पहलुओं की आलोचना करने से बचना चाहिए जो सार्वजनिक गतिविधियों से संबंधित न हों.
दिशा-निर्देश का पालन न करने वालों पर सख्त कार्रवाई
चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता के तहत असत्यापित आरोपों या विकृति के आधार पर अन्य दलों या उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना से बचना, राजनीतिक दलों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सूचनाओं को विकृत करने या गलत सूचना फैलाने वाले डीप फेक वीडियो बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित उपकरणों के दुरुपयोग सहित चुनावी माहौल को खराब करने वाले ऐसे किसी भी पोस्ट से परहेज करने को कहा गया है. चुनाव आयोग की ओर से साफ तौर पर कहा गया है कि आयोग की ओर से जारी दिशा-निर्देश का पालन न करने वालों के ऊपर सख्त कार्रवाई की जायेगी.
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