Omicron Variant Latest Update: दो साल से पूरी दुनिया को परेशान कर देने वाला कोरोना वायरस आज भी एक अबूझ पहेली बना हुआ है. इसके कई वैरिएंट अब तक सामने आ चुके हैं. हर वैरिएंट पिछले वैरिएंट से ज्यादा संक्रामक और घातक है. ऐसा ही एक वैरिएंट है ओमिक्रॉन (Omicron). कोरोना का यह लेटेस्ट वैरिएंट है, जो डेल्टा वैरिएंट से कई गुणा तेजी से फैलता है. भारत में भी ओमिक्रॉन के मामले तेजी से सामने आने लगे हैं.
सरकार तो पहले से चिंतित थी, अब लोग भी परेशान हो रहे हैं. भारत में ओमिक्रॉन (Omicron in India) के केस तेजी से बढ़ रहे हैं. देश की राजधानी दिल्ली समेत तमाम बड़े महानगरों में ओमिक्रॉन की रफ्तार कुछ ज्यादा ही है. ओमिक्रॉन वैरिएंट के लक्षणों को लेकर भी कई कन्फ्यूजन हैं. कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि सर्दी, जुखाम, गले में खराश है और आपको समय पर भूख नहीं लगती, तो यह भी ओमिक्रॉन के संक्रमण का लक्षण हो सकता है.
कोरोनावायरस के संक्रमण से निबटने के लिए पूरी दुनिया के वैज्ञानिक लगातार शोध कर रहे हैं. शोध में नयी-नयी चीजें सामने आ रही हैं. विशेषज्ञ कह रहे हैं कि डेल्टा वैरिएंट का असर कम हुआ, तो लोग लापरवाह हो गये. मास्क लगाना छोड़ दिया. कोरोना के लक्षणों पर ध्यान देना भी बंद कर दिया. उनकी लापरवाही का ही नतीजा है कि देश में कोरोना ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है.
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विशेषज्ञों ने ओमिक्रॉन के एक ऐसे लक्षण के बारे में बताया है, जिस पर कोई ध्यान ही नहीं देता. बताया जा रहा है कि ओमिक्रॉन की पहचान का एक खास लक्षण यह है कि संक्रमित लोगों को भूख नहीं लगती. अगर आपके साथ भी ऐसा है, तो आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए. डॉक्टर से सलाह लेने के बाद आपको कोरोना टेस्ट भी करवाना चाहिए. आमतौर पर कोरोना में स्वाद और सुगंध चला जाता है. सर्दी, बुखार, गले में खराश के साथ-साथ शरीर में दर्द भी रहता है.
नये वैरिएंट ओमिक्रॉन में अब नया लक्षण सामने आया है. आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर वैज्ञानिकों ने कहा है कि कोरोना के केवल 50 फीसदी मरीजों को बुखार, कफ और स्वाद-सुंगध की कमी का एहसास हो रहा है. हां, एक खास लक्षण मरीजों में देखा जा रहा है, भूख नहीं लगना. देश में ओमिक्रॉन के 1700 केस (omicron cases in india) सामने आ चुके हैं.
इंडियन SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) ने कहा है कि भारत में ओमिक्रॉन की संक्रामकता दर, इम्यून से बचने की क्षमता और गंभीरता पर स्पष्ट कोई भी साक्ष्य अब तक सामने नहीं आये हैं. INSACOG ने अपने बुलेटिन में कहा है कि अभी भी डेल्टा वैरिएंट दुनिया भर में चिंता का विषय बना हुआ है. इसी दौरान ओमिक्रॉन वैरिएंट भी तेजी से फैलने लगा है.
इंडियन SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम ने कहा है कि ब्रिटेन की जीनोम सीक्वेंसिंग के आंकड़े बताते हैं कि S-gene टारगेट फेल्योर की वजह से ओमिक्रॉन के केस तेजी से बढ़ रहे हैं. इसकी वजह से डेल्टा को भी तेजी से बढ़ने का मौका मिलेगा. INSACOG ने बताया है कि कुछ संकेत हैं कि ओमिक्रॉन डेल्टा की तुलना में कम गंभीर संक्रमण हो सकता है, लेकिन इसके पर्याप्त साक्ष्य अभी उपलब्ध नहीं हैं.
Posted By: Mithilesh Jha