केरल सरकार ने बकरीद से पहले ही कोरोना प्रतिबंधों में ढील देने का फैसला लिया है, जाहिर है सरकार ने बकरीद के त्योहार को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया है. देश के कई राज्यों में सावन के मौके पर कावड़ यात्रा को लेकर रोक लगायी गयी है ऐसे में केरल सरकार के इस फैलने पर राजनीति भी तेज हो गयी है.
केरल सरकार से कई संगठनों ने इस फैसले को वापस लेने की अपील की है जिसमें भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) भी शामिल है. इस संघ ने राज्य सरकार के इस फैसले को गलत बतया है उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार यह फैसला वापस नहीं लेती है तो वह उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे.
आईएमए ने कई राज्यों का उदाहरण देते हुए कहा, कोरोना संक्रमण के काल में कई राज्यों ने धार्मिक आयोजन, तीर्थयात्राओं पर रोक लगा रखी है वहीं केरल सरकार का यह फैसला कोरोना संक्रमण के खतरे के बढ़ा सकता है, इस फैसले से लोगों की भीड़ बढ़ेगी और खतरा भी. केरल सरकार के इस फैसले पर दुख जताते हुए आईएमए ने कहा, देश के व्यापक हित और मानवता की भलाई में, आईएमए दृढ़ता से मांग करता है कि आदेश को वापस लिया जाए और कोविड मानदंडों के उल्लंघन को कतई बर्दाश्त न किया जाये.
ध्यान रहे कि केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने एक समारोह के दौरान कोरोना से बचाव के नियमों में ढील देने का ऐलान किया है उन्होंने कहा है कि बकरीद को देखते सरकार यह फैसला ले रही है और राज्य में कपड़ा, जूते-चप्पल की दुकानों, आभूषण, फैंसी स्टोर, घरेलू उपकरण बेचने वाली दुकानों और इलेक्ट्रॉनिक दुकानों, हर तरह की मरम्मत की दुकानों के साथ - साथ आवश्यक सामान बेचने वाली दुकानों को 18, 19 और 20 जुलाई को सुबह सात बजे से रात आठ बजे तक खुलने की इजाजत है.