Agriculture: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे पर कई अहम समझौते पर हस्ताक्षर किया गया. रक्षा, कृषि, शिक्षा से लेकर अन्य क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच कई अहम समझौते हुए. भारत और रूस के बीच कृषि क्षेत्र में व्यापार बढ़ाने के लिए भी समझौता किया गया. दोनों देश की कोशिश कृषि क्षेत्र में व्यापार के मौजूदा स्तर को बढ़ाने की है. इस बाबत केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रूसी संघ की कृषि मंत्री ओक्साना लुट के साथ द्विपक्षीय बैठक की.
मौजूदा समय में दोनों देशों के बीच कृषि व्यापार 3.5 बिलियन डॉलर का है. इस बैठक में दोनों पक्षों ने मौजूदा सहयोग पर चर्चा की और भविष्य के सहयोग के क्षेत्रों की रूपरेखा तैयार करने पर चर्चा की. दोनों देशों के मंत्रियों ने इस बात पर जोर दिया कि भारत-रूस संबंध विश्वास, मित्रता और आपसी सहयोग पर आधारित हैं. बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बढ़ते द्विपक्षीय कृषि व्यापार को बढ़ाने पर जोर दिया. उन्होंने भारतीय आलू, अनार और बीजों के निर्यात से संबंधित लंबे समय से लंबित मुद्दों के समाधान के लिए रूस से कहा कि कृषि वस्तुओं का व्यापार बढ़ाने के लिए खाद्यान्न और बागवानी उत्पादों के निर्यात की संभावनाओं पर काम करने की जरूरत है.
कृषि क्षेत्र में इनोवेशन बढ़ाने में मदद करेगा रूस
बैठक के दौरान कृषि अनुसंधान, इनोवेशन और क्षमता निर्माण में सहयोग को मजबूत करने के लिए आईसीएआर और रूस के फेडरल सेंटर फॉर एनिमल हेल्थ के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गया. साथ ही दोनों देशों ने कृषि व्यापार, उर्वरकों, बीजों, बाजार पहुंच और संयुक्त रिसर्च में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई और इनोवेशन को बढ़ावा देने एवं दोनों देशों के किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. इस दौरान रूस की ओर से कृषि क्षेत्र में व्यापार बढ़ाने और सहयोग मजबूत करने पर जोर दिया गया.
साथ ही रूस ने अगले साल भारत द्वारा आयोजित ब्रिक्स देशों के कृषि मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए भी रूस के कृषि मंत्री को आमंत्रित किया. बैठक के दौरान रूस के कृषि मंत्री के अलावा, रूसी प्रतिनिधिमंडल में डिप्टी मिनिस्टर मैक्सिम मार्कोविच, डिप्टी मिनिस्टर मरीना अफोनिना, एसएसवीपीएस के प्रमुख सर्गेई डंकवर्ट और एशिया प्रभाग की निदेशक डारिया कोरोलेवा मौजूद रही.
वहीं भारत का प्रतिनिधित्व कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव देवेश चतुर्वेदी, कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के सचिव एमएल जाट और उर्वरक विभाग के सचिव रजत कुमार मिश्र, विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधि, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के संयुक्त सचिव तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी कर रहे थे.
गौरतलब है कि रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण देश में यूरिया की आपूर्ति पर असर पड़ा है. इस संकट को दूर करने के लिए रूस की ओर से भारत को हर संभव मदद देने का भरोसा दिया गया है.

