Agriculture:आम लोगों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से हाल ही में जीएसटी दरों में व्यापक बदलाव किया गया है. इस बदलाव से कृषि क्षेत्र पर भी सकारात्मक असर पड़ना तय है. नयी जीएसटी दर से कृषि और डेयरी क्षेत्र में बड़े बदलाव आने की संभावना है और इससे देशभर के किसानों, कृषि व डेयरी क्षेत्र के कामगार, पशुपालक को फायदा होगा.
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जीएसटी की नयी दरों को क्रांतिकारी फैसला बताते हुए कृषि क्षेत्र में ऐतिहासिक बदलाव की उम्मीद जाहिर की है. उन्होंने कहा कि जीएसटी दर में सुधार का प्रभाव छोटे और मझोले किसानों के बीच व्यापक रूप से देखा जा सकेगा. कृषि उपकरणों, सौर ऊर्जा आधारित उपकरणों पर जीएसटी दरें कम होने के कारण कृषि की लागत घटेगी और किसानों का मुनाफा बढ़ेगा. जैव-कीटनाशक और सूक्ष्म-पोषक तत्वों पर जीएसटी कम करने से किसानों को लाभ होगा. साथ ही रासायनिक उर्वरकों से जैव उर्वरकों की तरफ किसानों का रुझान बढ़ेगा.
डेयरी क्षेत्र में अब दूध और पनीर पर कोई जीएसटी नहीं होगी. इससे आम आदमी को तो लाभ होगा ही साथ ही किसानों, पशुपालकों और दुग्ध उत्पादकों को भी फायदा होगा. जीएसटी सुधार एकीकृत कृषि को भी बढ़ावा देगा. पशुपालन, मधुमक्खी पालन, मछली पालन, कृषि वानिकी, पोल्ट्री फार्म में भी जीएसटी छूट का लाभ आने वाले समय में दिखेगा. तेंदू पत्ते पर जीएसटी कम होने से जनजातीय समुदाय की आजीविका को मजबूती मिलेगी और वाणिज्यिक माल वाहन पर जीएसटी घटने से कृषि वस्तुओं की ढुलाई सस्ती होगी.
किसानों की लागत होगी कम, बढ़ेगी आय
जीएसटी दरों में कमी से ट्रैक्टर, ट्रैक्टर के कलपुर्जे और कृषि उपकरण सस्ते होंगे. इसके कारण कृषि लागत में कमी आयेगी. साथ ही सौर ऊर्जा आधारित उपकरणों की भी कीमत, उर्वरक, कीटनाशक, फल-सब्जियां सस्ती होगी. इस फैसले से खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा मिलेगा. ट्रैक्टर (1800 सीसी से कम) पर जीएसटी पांच फीसदी होगी, जबकि ट्रैक्टर के कलपुर्जे पर भी जीएसटी 18 फीसदी से घटकर 5 फीसदी हो जाएगी. ट्रैक्टर के टायर, ट्यूब, ट्रैक्टर के लिए हाइड्रोलिक पंप सहित अन्य ट्रैक्टर कलपुर्जे सस्ते हो जाएंगे. स्प्रिंकलर, ड्रिप सिंचाई, कटाई मशीनरी, ट्रैक्टर पार्ट्स पर पर जीएसटी 12 फीसदी से कम होकर 5 फीसदी हो जाएगी.
जीएसटी कम होने से ट्रैक्टरों की खरीद की कीमत कम हो जाएगी, जिससे छोटे और मध्यम किसान भी ट्रैक्टर खरीद पाने में सक्षम होंगे. कम कीमत कृषि में मशीनीकरण को बढ़ावा देंगी, जिससे किसानों को समय की बचत होगी, मैनुअल श्रम लागत कम होगी और फसल उत्पादकता में सुधार होगा. तेंदू के पत्ते पर अब जीएसटी 18 फीसदी की जगह 5 फीसदी होगी. तेंदू पत्ता लघु वन उत्पाद हैं जो ओडिशा, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के किसानों और आदिवासियों के लिए आय का एक प्रमुख स्रोत हैं. इन राज्यों की आजीविका आंशिक रूप से इन पत्तियों की कीमतों पर निर्भर करती है. जीएसटी की दर में कमी से इन क्षेत्रों के आदिवासियों और किसानों को सहायता मिलेगी.

