Afghanistan Foreign Minister : प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को आमंत्रित नहीं किए जाने के मुद्दे पर अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने कहा, “प्रेस कॉन्फ्रेंस शॉर्ट नोटिस पर किया गया था और पत्रकारों की एक छोटी सूची तय की गई थी. जिसमें बेहद खास लोगों को ही इसमें आमंत्रित किया गया था. यह एक तकनीकी मुद्दा था. हमारे सहयोगियों ने पत्रकारों की एक विशिष्ट सूची को निमंत्रण भेजने का फैसला किया था और इसके अलावा कोई अन्य इरादा नहीं था.”
अफगानिस्तान में महिला शिक्षा पर क्या बोले अफगान विदेश मंत्री?
अफगानिस्तान में महिलाओं की शिक्षा पर प्रतिबंध पर अफगान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने कहा, “इसमें कोई शक नहीं कि अफगानिस्तान के उलेमा मदारिस और देवबंद के साथ संबंध शायद दूसरों से ज्यादा हैं. शिक्षा के संदर्भ में, इस समय हमारे स्कूलों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में 1 करोड़ छात्राएं पढ़ रही हैं, जिनमें से 28 लाख महिलाएं और लड़कियां हैं. धार्मिक मदरसों में यह शिक्षा स्नातक स्तर तक उपलब्ध है. कुछ खास हिस्सों में कुछ सीमाएं हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम शिक्षा का विरोध करते हैं. हमने इसे धार्मिक रूप से ‘हराम’ घोषित नहीं किया है, लेकिन इसे दूसरे आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.”
प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल नहीं होने देना महिलाओं का अपमान : विपक्ष
विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी के प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को शामिल होने की अनुमति नहीं दिया जाना हर भारतीय महिला का अपमान है जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता. विपक्षी पार्टियों ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मामले पर अपना रूख स्पष्ट करना चाहिए और भारत सरकार को इस विषय को अफगानिस्तान के समक्ष उठाना चाहिए. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने दावा किया कि नारी शक्ति पर प्रधानमंत्री मोदी के नारों का खोखलापन बेनकाब हो चुका है.
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