Darul Uloom Deoband: दारुल उलूम का दौरा करने के बाद अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने मीडिया के साथ बीतचीत में कहा, “देवबंद में सभी लोगों द्वारा किए गए गर्मजोशी भरे स्वागत और मुझ पर बरसाए गए प्यार के लिए मैं आप सभी का आभारी हूं. मैं ईश्वर से प्रार्थना करूंगा कि भारत-अफगानिस्तान के रिश्ते और बेहतर हों. दिल्ली में हुई मुलाकात के बाद, मैं कह सकता हूं कि हमारा भविष्य उज्ज्वल है. मुझे उम्मीद है कि दिल्ली और काबुल के बीच हमारी मुलाकातें बढ़ेंगी.”
दारुल उलूम क्यों गए आमिर खान मुत्तकी?
दारुल उलूम इस्लामिक शिक्षा के सबसे बड़ा केंद्र है. देवबंद में इसकी स्थापना 1866 में हुई थी. आजादी की पहली जंग 1857 के बाद अंग्रेंजों ने मुस्लिम संस्थानों और शिक्षा के केंद्र को बंद कर दिया और विद्वानों को मार डाला. जो कुछ इस्लामिक विद्वान बच गए, उन्होंने ही देवबंद में दारुल उलूम की स्थापना 30 मई 1866 को की थी. देवबंद का अफगाानिस्तान और खासकर तालिबानियों से खासा लगाव है. उनके लिए दारुल उलूम का काफी सम्मान है. कई तालिबानी नेताओं ने दारुल उलूम हक्कानिया में शिक्षा ली है. जो की पाकिस्तान के अकोरा में है. इसकी स्थापना 1947 में शेख अब्दुल हक ने की थी. शेख अब्दुल हक ने देवबंद के दारुल उलूम में शिक्षा प्राप्त की थी. बंटवारे के बद देवबंद के कई अनुयायी दुनिया भर में फैल गए और मदरसे की स्थापना की. आमिर खान मुत्तकी ने मीडिया के साथ बातचीत में कहा- देवबंद इस्लामी दुनिया का सबसे बड़ा केंद्र है. अफगानिस्तान से कई छात्र भारत में इंजीनियरिंग, साइंस की शिक्षा लेने आते हैं, उसी तरह इस्लामी शिक्षा भी लेने आते हैं.
अफगानिस्तान से कोई भी आतंकवादी भारत नहीं आएगा: अरशद मदनी
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी से मुलाकात के बाद जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा, “मैंने उनसे कहा कि आपके साथ हमारे संबंध सिर्फ अकादमिक नहीं हैं. आपने भारत की आजादी में योगदान दिया है. हमारे पूर्वजों ने भारत की आजादी के लिए अफगानिस्तान की धरती को चुना था. अपनी आजादी के लिए आपने अमेरिका और रूस जैसी ताकतों को हराया था. जब हमने ब्रिटेन को हराया था, तब आपने हमसे यह सीखा था कि यह कैसे किया जाता है. मैंने अफगान विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी से कहा कि यह मुलाकात दर्शाती है कि भारत के मुसलमानों और दारुल उलूम देवबंद के आपके साथ कितने गहरे रिश्ते हैं. दुनिया के सभी देशों के बीच, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो, सद्भाव होना चाहिए. हमारी कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई. दोनों देशों के बीच रिश्ते बेहतर होंगे. भारत को शिकायत रही है कि अफगानिस्तान भारत में आतंकवादी भेजता है. अब इस मुलाकात के बाद यह तय हो गया है कि अफगानिस्तान से कोई भी आतंकवादी भारत नहीं आएगा.”
भारत-अफगानिस्तान संबंध और मजबूत होंगे : आमिर खान मुत्तकी
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने दारुम उलूम उम्मीद जताई कि आने वाले समय में भारत-अफगानिस्तान संबंध और मजबूत होंगे. मुत्तकी ने कहा, “मैं इस भव्य स्वागत और यहां के लोगों द्वारा दिखाए गए स्नेह के लिए आभारी हूं. मुझे उम्मीद है कि भारत-अफगानिस्तान संबंध और मजबूत होंगे. हम नए राजनयिक भेजेंगे और मुझे उम्मीद है कि आप लोग भी काबुल आयेंगे.” उन्होंने कहा, ”मुझे भविष्य में और मजबूत संबंधों की उम्मीद है- दिल्ली में जिस तरह से मेरा स्वागत हुआ, उससे निकट भविष्य में ये दौरे और भी ज्यादा हो सकते हैं.”
भारत ने अभी तक अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी
अफगानिस्तान में चार साल पहले तालिबान द्वारा सत्ता हथियाने के बाद वह भारत आने वाले तालिबान सरकार के पहले वरिष्ठ मंत्री हैं. भारत ने अभी तक अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है.

