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ABVP: मैनेजमेंट की पाठशाला रही है एबीवीपी

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा आयोजित तीन दिवसीय छात्र संसद के द्वितीय सत्र छात्रा संसद के आयोजन को संबोधित करते हुए दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि आने वाले समय में इस संगठन से केवल एक नहीं, बल्कि सैकड़ों रेखा गुप्ता संबोधित करेगी. छात्र संसद के जरिये एबीवीपी एक विचार रूपी वट वृक्ष तैयार कर रही है जिसकी छांव में राष्ट्र निर्माण की नींव रखी जाएगी.

ABVP: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद(एबीवीपी) सिर्फ एक छात्र संगठन नहीं, बल्कि यह नेतृत्व निर्माण की पाठशाला है. इस संगठन से जुड़े युवा आज कई महत्वपूर्ण पद पर काम कर रहे हैं. इससे जुड़े सभी छात्र- छात्रा को आगे बढ़ाने और नेतृत्व का पाठ पढ़ाने का कार्य एबीवीपी ने किया है और यही कारण है कि आने वाले समय में इस संगठन से केवल एक नहीं, बल्कि सैकड़ों रेखा गुप्ता तैयार होंगी. इस मंच ने मुझे दीप पकड़ने से लेकर दीप जलाने तक की यात्रा करवाई है. छात्र संसद के जरिये एबीवीपी एक विचार रूपी वट वृक्ष तैयार कर रही है जिसकी छांव में राष्ट्र निर्माण की नींव रखी जाएगी. 


अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा आयोजित तीन दिवसीय छात्र संसद के द्वितीय सत्र छात्रा संसद के आयोजन को संबोधित करते हुए दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने यह बात कही. यह कार्यक्रम दिल्ली स्थित एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया गया. इस छात्रा संसद में देशभर के 38 हजार से अधिक छात्राओं के व्यापक सर्वेक्षण के आधार पर चयनित 300 छात्रा प्रतिनिधियों ने शिरकत की. इस सर्वेक्षण के माध्यम से शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन और नेतृत्व से संबंधित विषयों पर गहन विमर्श करने के लिए छात्रा संसद की रूपरेखा तैयार की गयी.

छात्राओं के लिए बढ़े हॉस्टल की सुविधा


छात्रा संसद में छात्राओं से जुड़े विभिन्न विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई. इस दौरान शिक्षा और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए कौशल विकास पाठ्यक्रमों को लागू करने, उच्च शिक्षा में छात्राओं की बढ़ती भागीदारी को देखते हुए छात्रावास की संख्या में वृद्धि, ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों में अध्ययन करने आने वाली छात्राओं के लिए छात्रवृत्ति योजना का प्रावधान, पाठ्यक्रम में वीरांगनाओं, महिला वैज्ञानिकों, खिलाड़ियों और नेतृत्वशील महिलाओं के योगदान को सम्मिलित करने, महिला शोधार्थियों के लिए विशेष योजना एवं अनुदान सुनिश्चित करने की मांग की गयी. 


साथ ही सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीनों की अनिवार्य उपलब्धता, सार्वजनिक स्थानों पर पिंक टॉयलेट की स्थापना, निर्भया फंड की निगरानी एवं तहसील स्तर तक महिला हेल्थ डेस्क की स्थापना, साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन, आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविरों की अनिवार्यता, फास्ट ट्रैक कोर्ट की प्रभावशीलता बढ़ाने और छात्रा नेतृत्व के मंचों को संस्थानों में स्थापित करने जैसे विषयों पर पर विचार किया गया. 


कार्यक्रम में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर, राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के अध्यक्ष प्रोफेसर मिलिंद मराठे, सुप्रीम कोर्ट की वकील मोनिका अरोड़ा के अलावा एबीवीपी के राष्ट्रीय महामंत्री वीरेंद्र सिंह सोलंकी, अखिल भारतीय छात्रा कार्य प्रमुख मनु शर्मा कटारिया, राष्ट्रीय मंत्री शालिनी वर्मा, दिल्ली प्रांत अध्यक्ष तपन बिहारी, केंद्रीय कार्यसमिति के सदस्य निव्यांग सुमेर, प्रांत सह मंत्री अपराजिता मौजूद रही.

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