नयी दिल्लीः निर्वाचन आयोग की आेर से शनिवार को सुबह करीब 10 बजे इलेक्ट्राॅनिक वोटिंग मशीन (EVM) को हैक कर टेंपर करने की चुनौती देने के लिए आयोजित कार्यक्रम में माकपा आैर एनसीपी के प्रतिनिधि पहुंचे तो जरूर, लेकिन दोनों दलों के प्रतिनिधियों को चुनाव आयोग की आेर से चार-चार EVM सौंपे जाने के बाद दोनों नेताआें ने निर्वाचन आयोग की चुनौती को स्वीकार करने से इनकार कर दिया. इस कार्यक्रम में शामिल होने आये दोनों दलों के नेताआें ने कहा कि वे यहां चुनाव आयोग को चुनौती देने के लिए नहीं, बल्कि वे इस प्रक्रिया को समझने के लिए आये थे.
जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में EVM को हैक कर टेंपर किये जाने को लेकर राजनीतिक दलों की आेर से लगाये जा रहे आरोपों के बाद चुनाव आयोग ने चुनौती देने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया था. आयोग की आेर से इस चुनौती में शामिल होने के लिए बाकायदा आवेदन जमा कराने की अंतिम तिथि का भी एेलान किया गया था, लेकिन बीते 26 मइर् तक माकपा आैर एनसीपी को छोड़ किसी भी राजनैतिक दल की आेर से आवेदन जमा नहीं कराया गया था. चुनाव आयोग में आवेदन जमा कराने के बाद इन दोनों दलों के नेताआें ने यह साफ कर दिया था कि वे चुनाव आयोग के कार्यक्रम में EVM को चुनौती देने नहीं, बल्कि प्रक्रिया को समझने के लिए खुद को शामिल करेंगे.
चुनाव आयोग के प्रवक्ता ने कहा कि ईवीएम चैलेंज तय समय पर सुबह 10 बजे शुरू हुआ और यह दोपहर दो बजे तक चलेगा. चुनाव आयोग की इस चुनौती में एनसीपी और माकपा ने इसके लिए अपने तीन-तीन प्रतिनिधि नामांकित किये हैं. चैलेंज एक साथ दो अलग-अलग हॉलों में आयोजित किया किया गया है. चुनाव आयोग ने ईवीएम चैलेंज के लिए उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड के स्ट्रांग रूम से 14 EVM मंगायी हैं, जिनका उपयोग हालिया विधानसभा चुनाव में किया गया था. आयोग के सूत्रों ने कहा कि हर प्रतिभागी पार्टी अधिकतम चार ईवीएम का उपयोग कर सकती है, लेकिन अतिरिक्त मशीनें ‘बैक अप के तौर’ पर रखी गयी हैं.
कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, बसपा से लेकर कुछ अन्य दलों ने EVM मशीनों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाये थे और आरोप लगाया था कि EVM से छेड़छाड़ संभव है. राजनीतिक दलों के आरोपों के मद्देनजर आयोग ने EVM चैलेंज का आयोजन किया है, क्योंकि आयोग शुरू से कहता रहा है कि EVM से छेड़छाड़ संभव नहीं है और यह पूरी तरह विश्वसनीय हैं.