नयी दिल्ली: भाजपा में असंतोष के स्वर उभरने की रिपोर्ट के बीच भाजपा ने केंद्रीय चुनाव समिति की मैराथन बैठक के बाद पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी को उत्तरप्रदेश के वाराणसी से प्रत्याशी बनाने की घोषणा करके सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है और चुनावी दृष्टि से इस महत्वपूर्ण राज्य में बेहतर चुनावी संभावनाओं की उम्मीद व्यक्त की है.
भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार मोदी को वाराणसी से वर्तमान सांसद एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी के स्थान पर प्रत्याशी बनाया गया है. जोशी को पार्टी ने कानपुर से उम्मीदवार बनाया है.
पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह के लखनउ से चुनाव लडने का मार्ग प्रशस्त हो गया है. वह लखनउ से वर्तमान सांसद लालजी टंडन के स्थान पर चुनाव लडेंगे. पहले टंडन इस सीट को बदलने से इंकार करते रहे हैं. सिंह ने पिछला चुनाव गाजियाबाद से जीता था. भाजपा महासचिव अनंत कुमार ने यह जानकारी देते हुए कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली को अमृतसर से उम्मीदवार बनाया गया है जो वर्तमान सांसद नवजोत सिंह सिद्धू के स्थान पर चुनाव लडेंगे। पार्टी ने 12 राज्यों के 55 उम्मीदवारों के नाम को अंतिम रुप दिया.
पटना साहिब से वर्तमान सांसद शत्रुघ्न सिन्हा को उम्मीदवार बनाया गया है. इस सीट पर पार्टी प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद के चुनाव लडने के इच्छुक होने की खबर आ रही थी.
भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष हर्षवर्धन को पार्टी ने चांदनी चौक से टिकट दिया गया है जबकि पीलीभीत से मेनका गांधी, सुल्तानपुर से वरुण गांधी, झांसी से उमा भारती, गोरखपुर से योगी आदित्यनाथ को उम्मीदवार बनाया है.नवजोत सिंह सिद्धू को तीन अन्य सीट से चुनाव लडने की पेशकश की गई थी लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया था.
यह पूछे जाने पर कि क्या मोदी गुजरात से भी चुनाव लडेंगे, अनंत कुमार ने कहा ‘‘ सभी तरह की संभावना है.’’ उन्होंने कहा कि गुजरात की सूची को 19 मार्च को अंतिम रुप दिया जायेगा, जब भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी की घोषणा की जायेगी.
मोदी के वाराणसी से चुनाव लडने के बारे में पिछले कई दिनों से असमंजस की स्थिति थी क्योंकि जोशी उनके वाराणसी से चुनाव लडने से संबंधित मीडिया में आई खबरों से अप्रसन्न बताये जा रहे थे और पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में इस विषय को उठाया था.
हालांकि, भाजपा नेतृत्व मोदी को वाराणसी से चुनाव लडाने को उत्सुक था क्योंकि उसे उम्मीद थी कि इससे उत्तरप्रदेश में पार्टी की चुनावी संभावनाएं बेहतर होंगी जहां लोकसभा की 80 सीट है.उत्तरप्रदेश कभी भाजपा का गढ रहा हालांकि इसमें लगातार सेंध लगती आई और 2009 के चुनाव में पार्टी को महज 10 सीटों से संतोष करना पडा था.
पार्टी ने बिहार के पटना साहिब सीट से अभिनय से राजनीति में आए शुत्रघ्न सिन्हा को टिकट देकर असंतोष से बचने का निर्णय किया. भाजपा की उत्तरप्रदेश इकाई के पूर्व प्रमुख कलराज मिश्र को देवरिया से टिकट दिया गया है जो कानपुर की बजाए किसी दूसरी स्थान से चुनाव लडाये जाने का विरोध कर रहे थे। एटा से पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पुत्र राजबीर सिंह को टिकट दिया गया है. मुम्बई पुलिस के पूर्व आयुक्त सत्यपाल सिंह को बागपत से टिकट दिया गया है.
भाजपा ने उत्तरप्रदेश से कुल 55 उम्मीदवारों के नाम को अंतिम रुप दिया जबकि छत्तीसगढ से 11 उम्मीदवार, हरियाणा और दिल्ली से 7, उत्तरखंड से पांच, ओडिशा से चार, पंजाब और बिहार से दो.दो उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रुप दिया। इसके साथ ही सिक्किम, असम, चंडीगढ, अरुणाचल प्रदेश और अंडमान निकोबार द्वीप से उम्मीदवारों के नाम को अंतिम रुप दिया.
दिल्ली के चांदनी चौक से पार्टी ने प्रदेश इकाई के अध्यक्ष हर्षवर्धन को उतारा है जबकि पार्टी प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी को नई दिल्ली सीट से, भोजपुरी गायक मनोज तिवारी को उत्तर पूर्व दिल्ली से, दलित नेता उदित राज को उत्तर पश्चिम दिल्ली से, पश्चिमी दिल्ली से परवेश वर्मा, दक्षिण दिल्ली से रमेश विधुडी और पूर्वी दिल्ली से महेश गिरि को उम्मीदवार बनाया गया है.
अभिनय से राजनीति में आई किरण खेर को चंडीगढ सीट से कांग्रेस के पवन कुमार बंसल के खिलाफ उम्मीदवार बनाया गया है.उत्तरखंड से पार्टी ने तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों रमेश पोखरियाल निशंक को हरिद्वार से, बी सी खंडूरी को पौडी गढवाल से और भगत सिंह कोशियारी को नैनीताल से उम्मीदवार बनाया है. वर्तमान सांसद सरोज पांडक को छत्तीसगढ के दुर्ग से उम्मीदवार बनाया गया है.
कांग्रेस छोडकर भाजपा में आए राव इंद्रजीत सिंह को हरियाणा के गुडगांव से उम्मीदवार बनाया गया है. बिहार के महाराजगंज से पार्टी ने जनार्दन सिंह सिगरीवाल को प्रत्याशी बनाया है.’’