तिरुवनंतपुरम : दक्षिण भारत के केरल स्थित पद्मनाभास्वामी मंदिर में अब वहां की महिलाएं धोती या चूड़ीदार पाजामा पहनकर प्रवेश कर सकती हैं. पहले इस मंदिर में धोती या चूड़ीदार पाजामा पहनकर महिलाओं के जाने पर मंदिर प्रशासन की ओर से रोक लगी हुई थी. इस मामले को लेकर केरल हाई कोर्ट में दायर याचिका की सुनवाई के दौरान मंदिर प्रशासन ने अदालत को यह जानकारी दी कि महिलाओं का मंदिर में धोती या चूड़ीदार पाजामा पहनकर जाने को लेकर अब कोई प्रतिबंध नहीं है.
इससे पहले मंदिर में किसी भी परिधान को पहनकर आने वाली महिलाओं के लिए धोती लपेटना अनिवार्य था. हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद मंदिर प्रशासन ने अपने नियमों मे बदलाव करते हुए अब उसके में धोती के साथ-साथ चूड़ीदार पाजामे को भी शामिल करने की जानकारी अदालत को दी है. मंदिर के इस नियम के विरोध में महिला वकील रिया राजी ने केरल हाई कोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी थी.
महिला वकील रिया राजी की याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने जब मंदिर प्रशासन से सवाल पूछा, तो मंदिर प्रशासन ने जवाब देते हुए कहा कि मंदिर के नियमों में बदलाव कर दिया गया है. उसने अदालत को बताया कि अब मंदिर में महिलाओं का धोती लपेटकर प्रवेश करना अनिवार्य नहीं रह गया है. नियम में बदलाव के बाद महिलाएं अब इस मंदिर में धोती के अलावा चूड़ीदार पाजामा पहनकर भी प्रवेश कर सकती हैं.
बता दें कि केरल का पद्मनाभास्वामी मंदिर वर्ष 2011 में उस समय सुर्खियों में आया, जब उसके तहखाने से करीब एक लाख करोड़ रुपये से भी अधिक मूल्य का खजाना मिला था. मंदिर के इस तहखाने से सोने की मूर्तियों के अलावा, बहुमूल्य सिक्के, गहने और जेवरात भी बरामद किये गये थे. मंदिर का यह तहखाना जमीन के अंदर बड़ी-बड़ी गुफाओं के रूप में मिला था. बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 18वीं शताब्दी में कराया गया था. मंदिर में इस तहखाने के मिलने के बाद से ही दुनियाभर के लोगों में इसे लेकर उत्सुकता बनी हुई है्.