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जाकिर नाईक की संस्था ने राजीव गांधी फाउंडेशन को दिया 50 लाख का दान

नयी दिल्ली : विवादित इस्लामिक धर्मगुरु जाकिर नाइक को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है. जाकिर नाईक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) ने एक बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि उसने राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ) को 50 लाख रुपये का दान दिया है. आईआरएफ के अनुसार राजीव गांधी फाउंडेशन (RGF) को 50 लाख रुपए […]

नयी दिल्ली : विवादित इस्लामिक धर्मगुरु जाकिर नाइक को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है. जाकिर नाईक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) ने एक बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि उसने राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ) को 50 लाख रुपये का दान दिया है. आईआरएफ के अनुसार राजीव गांधी फाउंडेशन (RGF) को 50 लाख रुपए की दान दी गई थी. यह दान 2011 में दी गई थी. दूसरी ओर राजीव गांधी फाउंडेशन ने अपने बचाव में कहा है कि पैसा उन्हें नहीं बल्कि उनके साथी संगठन राजीव गांधी चैरीटेबल ट्रस्ट (आरजीसीटी) को दिया गया था. साथ ही राजीव गांधी फाउंडेशन ने यह भी कहा है कि वह पैसा कुछ महीने पहले ही लौटा भी दिया गया था.

जबकि देखा जाए तो जाकिर नाईक की संस्था अब भी अपनी बात पर कायम है और पैसा वापस लिये जाने की बात का खंडन कर रहा है. संस्था ने यह भी कहा कि यह पैसा राजीव गांधी फाउंडेशन को ही दिये गये थे, किसी चैरिटेबल ट्रस्ट को नहीं. इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के प्रवक्ता ने कहा, ‘हो सकता है कि वह पैसा वापस करने वाले हों लेकिन हमें अबतक पैसा मिला नहीं है.’ प्रवक्ता ने कहा, ‘हम लोगों ने राजीव गांधी फाउंडेशन को 2011 में 50 लाख रुपये दिए थे. हम लोग राजीव गांधी फाउंडेशन जैसे कई एनजीओ को पैसा देते हैं जो लड़कियों को पढ़ाने का काम करते हैं. ये पैसा मेडिकल, सर्जरी जैसी पढ़ाई करने वाली लड़कियों के लिए होता है.’

राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट को सोनिया गांधी, उनके बच्चे राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा द्वारा बनाया गया था. वहीं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी इस ट्रस्ट से जुड़े हैं. ये सभी लोग राजीव गांधी फाउंडेशन के ट्रस्टी भी हैं. गौरतलब है कि गृहमंत्रालय ने जाकिर नाईक की संस्था पर विदेश से सीधे धन प्राप्त करने पर प्रतिबंध लगा दिया है और गृह मंत्रालय ने आरबीआई से संस्था को किसी तरह का धन जारी करने से पहले उससे अनुमति लेने को कहा है.

इससे पूर्व गृह मंत्रालय के निर्देश पर जाकिर नाईक की संस्था की विदेशी फंडिंग की जांच कराई गई है. शुरुआती जांच में पाया गया कि संस्था विदेशी चंदा नियमन कानून (एफसीआरए) के विपरीत क्रियाकलापों में लिप्त था. आईआरएफ को पूर्व अनुमति श्रेणी में रखा गया है और इसलिए भारतीय रिजर्व बैंक को एनजीओ को आने वाले सभी तरह के धन के बारे में गृह मंत्रालय को जानकारी देनी पड़ेगी और आईआरएफ को धन जारी करने से पहले मंत्रालय की अनुमति लेनी होगी.

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