श्रीनगर : कश्मीर में तनाव को कम करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है. इसी के तहत प्रशासन ने यहां तीन थाना क्षेत्रों को छोडकर पूरी कश्मीर घाटी से कर्फ्यू हटा लिया है जिसके बाद श्रीनगर शहर में जनजीवन सामान्य होने लगा है. आपको बता दें कि हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से बीते 51 दिनों से घाटी में कर्फ्यू लगा हुआ था.
इस संबंध में एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलवामा शहर और श्रीनगर के एम आर गंज तथा नौहट्टा थाना क्षेत्रों के तहत आने वाले इलाकों को छोडकर कश्मीर से कर्फ्यू हटा लिया गया है. हालात में सुधार के मद्देनजर पाबंदियों को भी हटा लिया गया है. अधिकारी ने कहा कि हालांकि कानून-व्यवस्था को कायम रखने के लिए घाटी के संवेदनशील इलाकों में बडी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात रखा जाएगा. झडपों के चलते अब तक दो पुलिसकर्मियों समेत 68 लोगों की मौत हो चुकी है और कई हजार लोग घायल हुए हैं. अधिकारी ने बताया कि आज सुबह सडकों पर ऑटो रिक्शा और निजी वाहन जरुर नजर आए लेकिन सार्वजनिक वाहन नदारद रहे.
महबूबा पहुंची इंशा मलिक के पास
इधर,जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने रविवार को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती 14 साल की लड़की से मुलाकात की जिसका नाम इंशा मलिक है. इंशा ने कश्मीर में पेलेट गन की चपेट में आकर अपनी आंखों की रोशनी गंवा दी है जिसका इलाज सफदरजंग अस्पताल में चल रहा है. महबूबा ने इंशा को भरोसा दिलाया कि उसकी आंखों की रोशनी वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास किए जायेंगे. महबूबा ने इंशा के माता-पिता को भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार देश में या देश के बाहर उनकी बेटी का बेहतरीन इलाज सुनिश्चित करेगी.
यदि मोदी के तहत कश्मीर मुद्दा नहीं सुलझा, तो कभी नहीं सुलझेगा
जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर विवाद के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के अपनाए रुख को एकमात्र रास्ता बताते हुए रविवार को दावा किया कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तहत इस विवाद का हल नहीं हुआ तो, यह कभी नहीं सुलझेगा. उन्होंने रविवार शाम एक कार्यक्रम में कहा कि वाजपेयी सिद्धांत के अलावा कोई और विकल्प नहीं है. यदि हम इस संकट और हिंसा के चक्र से कश्मीर को निकालना चाहते हैं तो हमें इसका पालन करना होगा और उन्हें (पाकिस्तान को) भी इसका पालन करना होगा. महबूबा ने दावा किया कि यह एकमात्र मौका है जब लोगों को विवाद का हल करना है और यदि मोदी के तहत इसका हल नहीं हुआ तो कभी नहीं हो पाएगा.
राजनाथ के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल चार सितंबर को करेगा कश्मीर का दौरा
गृहमंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल चार सितंबर को जम्मू कश्मीर का दौरा करेगा. उम्मीद है कि घाटी में शांति स्थापित करने के प्रयासों के तहत प्रतिनिधिमंडल विभिन्न तबकों के लोगों से बातचीत करेगा. गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल चार सितंबर को जम्मू कश्मीर का दौरा करेगा और गृहमंत्री इसका नेतृत्व करेंगे. कश्मीर घाटी में शांति कायम करने के प्रयासों के तहत प्रतिनिधिमंडल के विभिन्न तबकों के लोगों और संगठनों से मिलने की उम्मीद है. सेना द्वारा हिज्बुल मुजाहिदीन के शीर्ष आतंकवादी बुरहान वानी को मुठभेड में ढेर किए जाने के बाद से घाटी में हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. गृहमंत्री की कल भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, वित्त मंत्री अरण जेटली और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह के साथ एक घंटे तक बैठक हुई थी. गृहमंत्री ने उनके साथ सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के तौर तरीकों पर चर्चा की थी.
मोदी के ‘मन की बात ‘
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्यार व एकता को कश्मीर समस्या के समाधान के लिए रविवार को मूल मंत्र बताया. साथ ही मासूमों को उकसानेवालों पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि एक न एक दिन उन लोगों को इन बेकसूर बच्चों को जवाब देना ही होगा. जोर देकर कहा कि कश्मीर में यदि एक भी व्यक्ति की जान जाती है, चाहे वह कोई युवा हो या सुरक्षा कर्मी, यह हमारे देश का नुकसान है. अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात ‘ में घाटी में अशांति की चर्चा करते हुए कहा कि घाटी में सभी पक्षों के साथ संवाद में एक चीज उभरी है, जिसे सरल शब्दों में एकता व ममता कहा जा सकता है. इसी रास्ते पर चल कर बात बनेगी. कश्मीर पर सभी राजनीतिक दलों ने एक स्वर में बात की है, जिससे पूरी दुनिया में और अलगाववादी ताकतों तक संदेश पहुंचा है. साथ ही कश्मीरवासियों तक हमारी भावनाएं पहुंची हैं.