नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विट कर कहा कि हमें अपने एथलीटों पर नाज है और उनके धैर्य, दृढ संकल्प और समर्पण ने देश को गौरावांवित किया है. आज ही प्रधानमंत्री के एप ‘नमो’ पर भारत रत्न सचिन तेंदुलकर ने प्रधानमंत्री से स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में खिलाडि़यों के बारे में बात करने का आग्रह किया है. इस आग्रह को स्वीकार करते हुए नरेंद्र मोदी ने खिलाडि़यों के सम्मान में उक्त बातें कहीं. उन्होंने कहा कि भारत रत्न सचिन तेंदुलकर ने मुझसे 15 अगस्त को खिलाडि़यों का हौसला बढाने की सलाह दी है. मैंने सोचा इसके लिए 15 अगस्त तक इंतजार क्यों किया जाए. इसपर मैं अभी अपनी राय रख रहा हूं. मोदी खिलाडि़यों का हौसला अफजाई करते हुए कहा कि जीत और हार जीवन का हिस्सा है.
India is phenomenally proud of all our athletes in Rio & their hardwork that got them there. Victory & setbacks are all a part of life.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 13, 2016
I urge all athletes who have their games remaining to give their best & play with determination, not get burdened by what the result will be
— Narendra Modi (@narendramodi) August 13, 2016
मोदी ने रियो में मौजूद भारतीय एथलीटों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि नतीजों की परवाह किए बिना अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें. उल्लेखनीय है कि हाल में लांच किये गये अपने नये मोबाइल एप्प ‘नमो’ के जरिये प्रधानमंत्री ने देशवासियों से स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण की सामग्री के बारे में राय मांगी थी. मोदी के एप्प पर अपने पत्र में तेंदुलकर ने प्रधानमंत्री से रियो ओलंपिक में देश के लिए पदक लाने से चूकने वाले और अब भी संघर्षरत खिलाडियों को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ शब्द बोलने का आग्रह किया है.
Bharat Ratna @sachin_rt & one of India's most admired sportspersons wanted me to speak on India's athletes currently in Rio, on15th August.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 13, 2016
क्रिकेटर ने लिखा है, ‘आपकी ओर से बोले गये प्रोत्साहन के कुछ शब्द निश्चित रूप से उन खिलाडियों के लिए मददगार साबित होंगे जो अपने प्रदर्शन से बहुत अधिक निराश हैं और वैसे खिलाडी बहुत हद तक प्रेरित होंगे जो अब भी संघर्ष कर रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाडी देश के विभिन्न हिस्सों से आते हैं और सभी खिलाडी मानवीय जिजीविषा और दृढता के शानदार उदाहरण हैं. ओलंपिक में किसी देश का प्रतिनिधित्व करना एक दुर्लभ उपलब्धि है. हमारे चैम्पियन एथलीटों का उत्साहवर्धन किये जाने की जरुरत है क्योंकि वे मैदान और उससे परे की कुछ चुनौतियों से पार पाकर विश्व के सर्वश्रेष्ठ खिलाडियों के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं.’
भारत के महान बल्लेबाज ने कहा, ‘वे सभी मायनों में विजेता हैं और वास्तव में कद्र के हकदार हैं, जिससे कई और लोग प्रेरित होंगे.’ भारतीय ओलंपिक संघ के सद्भावना दूत के रूप में तेंदुलकर खिलाडियों के उत्साहवर्धन के लिए रियो में मौजूद थे.