नयीदिल्ली :वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी विधेयक को देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक बेहतर कदम बताए जाने के बावजूद कांग्रेस ने आज स्पष्ट किया कि वह इससे संबंधित कानून में कर की मानक दर 18 प्रतिशत से अधिक न रखे जाने की अपनी मांग पर कायम रहेगी. साथ ही पार्टी ने कहा कि जीएसटी संबंधित कानून में विवाद निस्तारण तंत्र का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाना चाहिए.
राज्यसभा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने आज जीएसटी से संबंधित संविधान के 122 वां संशोधन विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी जीएसटी विचार का समर्थन करती है. उन्होंने कहा कि तत्कालीनयूपीए सरकार ने वर्ष 2011 से वर्ष 2014 के बीच जीएसटी विधेयक को पारित कराने का प्रयास किया किन्तु उस समय की मुख्य विपक्षी पार्टी का सहयोग न मिल पाने के कारण यह विधेयक पारित न हो सका.
उन्होंने कहा कि मौजूदा राजग सरकार ने भी 18 महीने तक बिना मुख्य विपक्षी दल के सहयोग के इस विधेयक को पारित कराने की कोशिश की किन्तु वह भी विफल रही. अब सरकार ने पिछले पांच छह महीने से सबको साथ लेने का प्रयास किया है और उसके अच्छे परिणाम भी सामने आए हैं.
पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने आरोप लगाया कि मौजूदा विधेयक का मसौदा बहुत ही लचर है. उन्होंने कहा कि हर कर का यही मकसद होता है कि इससे प्राप्त होने वाला राजस्व केंद्र अथवा राज्यों की संचित निधि में जाए. उन्होंने कहा कि इस वर्तमान विधेयक में इसे लेकर अस्पष्टता है. उन्होंने कहा कुछ राज्यों को एक प्रतिशत का अतिरिक्त कर लगाने का अधिकार देने संबंधी प्रावधान को हटा लेने के सरकार के फैसले का स्वागत किया.