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कहने को पाक, लेकिन उसकी सारी हरकतें नापाक : राजनाथ

नयी दिल्ली : घाटी में अशांति के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराते हुए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि कश्मीरी हमारे अपने लोग हैं जिन्हें बरगलाया जा रहा है. इसके साथ ही उन्होंने जनमत संग्रह को अप्रासंगिक करार देते हुए कहा कि वहां की स्थिति से निपटने में सरकार सबको साथ लेकर […]

नयी दिल्ली : घाटी में अशांति के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराते हुए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि कश्मीरी हमारे अपने लोग हैं जिन्हें बरगलाया जा रहा है. इसके साथ ही उन्होंने जनमत संग्रह को अप्रासंगिक करार देते हुए कहा कि वहां की स्थिति से निपटने में सरकार सबको साथ लेकर चलेगी.

राजनाथ ने कश्मीर की स्थिति पर राज्यसभा में हुयी अल्पकालिक चर्चा का जवाब देते हुए जोर दिया कि आतंकवाद से सख्ती से निपटा जाएगा लेकिन भीड से निपटने के समय गोलियों को तुरंत इस्तेमाल नहीं किया जाएगा और पहले आंसूगैस या पानी की बौछार जैसे तरीके अपनाए जा सकते हैं.

उन्होंने कहा कि पेलेट गन के उपयोग पर गौर किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों को अधिकतम संयम बरतने का निर्देश दिया गया है और उन्होंने इस क्रम में स्वयं ही सीआरपीएफ और बीएसएफ के शीर्ष अधिकारी से बात की है. उन्होंने कहा कि मजबूरी में बल प्रयोग करना पडे तो गैर..घातक हथियारों का उपयोग किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि घाटी में जो रहा है, वह पाक प्रायोजित है. उन्होंन कहा कि इस चर्चा के बाद उनकी यह धारणा और दृढ हुई है कि कश्मीर में स्थिति को सामान्य बनाने के मुद्दे पर राजनीतिक सोच से उपर उठकर सभी राजनीतिक दल एकजुट हैं.
उन्होंने कहा कि कश्मीर में जो कुछ भी हुआ उससे उन्हें और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बहुत पीडा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने विदेश यात्रा के दौरान स्वयं अपनी तरफ से फोन करके उनसे कश्मीर के हालात के बारे में जानकारी ली. इसके बाद स्वदेश लौटने पर उन्होंने कश्मीर के मुद्दे पर ही सबसे पहली बैठक की.
राजनाथ ने कहा कि उन्होंने राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से बात कर राज्य की सुरक्षा स्थिति के बारे में कई बार चर्चा की है तथा वह मुख्यमंत्री तथा अन्य सुरक्षा अधिकारियों के साथ निरंतर संपर्क बनाए हुए हैं. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कश्मीर समस्या के समाधान के लिए तीन सूत्रों..कश्मीरियत, जम्हूरियत एवं इंसानियत पर ध्यान देने को कहा था. उन्होंने कहा कि मौजूदा प्रधानमंत्री एवं उनकी सरकार भी इन्हीं सूत्रों को ध्यान में रखते हुए कश्मीर मुद्दे का हल निकालने की पक्षधर है.
उन्होंने कहा कि भारत में संवदेनशीलता को दरकिनार कर कोई राजनीति नहीं कर सकता. उन्होंने कहा कि कश्मीर की पहचान कश्मीरियत पर भी जोर देना होगा. गृह मंत्री ने कहा कि कश्मीर मुद्दे के समाधान में हैवानियत का कोई स्थान नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों के कर्मियों के मरने के बाद यदि कहीं जश्न मनाया जाए तो उसको स्वीकार नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि कुछ लोग सुरक्षाकर्मियों के मारे जाने का जश्न मनाने की विकृत सोच रखते हैं.
गृह मंत्री ने कहा कि सरकार का आतंकवादियों के साथ सख्ती और कश्मीर के आम नागरिकों के साथ ‘‘सहानुभूति’ के साथ काम करने की नीति है. सिंह ने कहा कि कश्मीर में स्थिति सामान्य बनाने के लिए अधिकतम प्रयास किए जा रहे हैं और उन्होंने इस क्रम में विभिन्न दलों के नेताओं से भी बातचीत कर उनसे सुझाव लिए हैं. उन्होंने कहा कि वहां के लोगों के साथ संवाद स्थापित करने के लिए वह खुद ही कश्मीर जाना चाहते थे.
उन्होंने इस क्रम में मुख्यमंत्री महबूबा से बातचीत भी की और कहा कि वह अपनी यात्रा में नेहरु गेस्ट हाउस में रुकना चाहेंगे. उन्होंने कहा कि महबूबा ने उनसे स्थिति थोडी सामान्य होने तक की बात की और कहा कि वह दिल्ली आएंगी और फिर संवाद शुरु करने के तरीके पर विचार किया जाएगा.
सिंह ने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर में आतंकवाद को प्रायोजित कर रहा है. उन्होंने कहा कि उसका नाम पाक है लेकिन उसकी सारी हरकतें नापाक हैं. उन्होंने कहा कि धर्म के आधार पर बने इस देश में आज अलग अलग तंजीमें आपस में लड रही हैं. खूनखराबा हो रहा है. उन्होंने कहा कि वह पाकिस्तान भारत के मुसलमानों की चिंता करने का दावा नहीं कर सकता. सिंह ने कहा कि वहां कुछ ताकतें नवजवानों को बरगलाने की कोशिश कर रही हैं और आजादी तथा जनमत संग्रह जैसी बातों को लेकर उन्हें उकसाते हैं. उन्होंने कहा कि जनमत संग्रह की बात अप्रासंगिक हो चुकी है. उन्होंने कहा कि कश्मीर का नौजवान हमारा है और बरगलाए युवकों को सही रास्ते पर लाने की कोशिश करेंगे.
बुरहान वानी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वह हिजबुल का कमांडर था तथा सोशल मीडिया के जरिये लोगों को आतंकवाद के लिए प्रेरित करता था। उसके खिलाफ विभिन्न जघन्य अपराधों के 15 से अधिक मामले दर्ज थे. सुरक्षाबलों ने खुफिया जानकारी के आधार पर एक अभियान चलाया जिसमें वह तथा दो अन्य आतंकवादी मारे गये.
उन्होंने कहा कि आतंकवादी को अदालत सजा देती है तो कुछ लोग उसे ‘‘न्यायिक हत्या’ बताते हैं. इसके साथ ही सुरक्षाकर्मी की मौत पर जश्न की भी बात होती है. ऐसी विकृत मानसिकता पर रोक होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि कश्मीर में स्थिति सामान्य बनाए के लिए हम जो करेंगे, सबको साथ करेंगे और सबको साथ लेकर चलेंगे। उन्होंने कहा कि हम राजनीति में सरकार बनाने के लिए नहीं बल्कि देश बनाने के लिए आते हैं. इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाए जाने की मांग पर उन्होंने कहा कि इस पर गौर किया जा सकता है.
गृह मंत्री ने कहा कि कश्मीर में जो हुआ, उससे सभी देशभक्तों को पीडा है. उन्होंने कहा कि कश्मीर में सुरक्षा बलों द्वारा अधिक बल का प्रयोग किया गया, यह समीक्षा का प्रश्न है. उन्होंने एक अध्ययन का हवाला देते हुए कहा कि कश्मीर में पहली बार पेलैट गन का प्रयोग नहीं किया गया। इसका उपयोग 2010 में भी किया गया था.
उन्होंने कहा कि कश्मीर में 1948 नागरिक घायल हुए हैं जिनमें से 1744 को उपचार के बाद छुट्टी दे दी गयी है. 204 नागरिकों का उपचार चल रहा है. उन्होंने कहा कि हाल की घटनाओं में एक सुरक्षाकर्मी शहीद हुआ जबकि 33 नागरिकों की मौत हुई। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने रेटिना विशेषज्ञों के एक दल को श्रीनगर भेजा है. गृह मंत्री ने कहा कि उन्होंने राज्य की मुख्यमंत्री से और मदद की पेशकश की है जितने लोगों को विशेष उपचार के लिए यदि दिल्ली लाने की जरुरत है उनके लिए सरकार विमान भेजने को तैयार है.

Prabhat Khabar Digital Desk
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