तिरुवनंतरपुरम: केरल हाइकोर्ट ने पुत्तिंगल मंदिर हादसे में आज सुनवाई करते हुए कहा कि मंदिर हादसे की सीबाआई से जांच होनी चाहिए. उच्च न्यायलय ने कहा कि जब पटाखे छोड़ने पर प्रतिबंध था तो इसके बावजूद मंदिर परिसर में आतिशबाजी कैसे हुई? पुलिस ने पटाखे छोड़ने वालों को रोका क्यों नहीं?
उच्च न्यायलय ने कहा कि यह पूरी तरह से कानून के उल्लंघन का मामला है. जिन्होंने अपना कर्तव्य ठीक से नहीं निभाया उनपर कड़ा एक्शन लेना चाहिए. इस मामले पर केरल हाईकोर्ट ने ने पुलिस और प्रशासन से अलग-अलग हलफनामे जमा करने के लिए कहा है.कोल्लम स्थित मंदिर पुत्तिंगल मंदिर हादसे में 110 लोगों की जान चली गयी वहीं 350 से ज्यादा घायल हो गये, जिसके बाद से मंदिर प्रशासन पर सवाल खड़े होने लगे.
मुख्यमंत्री ओमान चांडी नेबुलायीसर्वदलीय बैठक
केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने केरल के कोल्लम जिले के पुत्तिंगल देवी मंदिर में रविवार को तड़के आतिशबाजी के कारण हुए हादसे के बाद इस परंपरा पर रोक लगाने पर विचार के लिए 14 अप्रैल को सर्वदलीय बैठक बुलायी है. इस बैठक में सभी राजनीतिक दलों से मशवीरा कर मंदिरों में पटाखों को फोड़ने की परंपरा पर रोक लगाने पर विचार किया जायेगा.
मंदिर हादसे में गयी थी 110 लोगों की जान
केरल के कोल्लम जिले के पुत्तिंगल मंदिर में रविवार सुबह 3 बजे के करीब भीषण आग लग गयी. आग उस दौरान लगी जब लोग परंपरा के मुताबिक आतिशबाजी हो रही थी. अधिकारियों के मुताबिक इस भीषण आग के चलते हुए हादसे में 110 लोगों की मौत हो गयी, जबकि 350 से ज्यादा लोग घायल हो गये थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटनास्थल का दौरा किया था . प्रधानमंत्री ने घटना में घायल लोगों से अस्पताल में मुलाकात की थी और इलाज के लिए हरसंभव मदद का आश्वासान दिया था.
