21.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

इंटरनेट पर आपत्तिजनक शब्दों का इस्‍तेमाल करने वालों पर नेत्र की नजर

ट्वीट, ई-मेल, ब्लॉग आदि में बम, अटैक, ब्लास्ट या किल जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, तो सावधान! ऐसे शब्द आपको सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी में ला सकते हैं. इसके लिए सरकार जल्दी ही इंटरनेट खुफिया प्रणाली नेत्र शुरू करनेवाली है. यह आपत्तिजनक शब्दों का पता लगा लेगा. सुरक्षा एजेंसियां इसे लागू करेंगी, ताकि ट्वीट, […]

ट्वीट, ई-मेल, ब्लॉग आदि में बम, अटैक, ब्लास्ट या किल जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, तो सावधान! ऐसे शब्द आपको सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी में ला सकते हैं. इसके लिए सरकार जल्दी ही इंटरनेट खुफिया प्रणाली नेत्र शुरू करनेवाली है. यह आपत्तिजनक शब्दों का पता लगा लेगा. सुरक्षा एजेंसियां इसे लागू करेंगी, ताकि ट्वीट, ई-मेल, स्टेटस अपडेट, स्काइप या गूगल टॉक जैसे सॉफ्टवेयरों से गुजरनेवाले शब्दों को पकड़ा जा सके. डीआरडीओ की प्रयोगशाला सेंटर फॉर आर्टिफिशियल इंटेंलीजेंस एंड रोबोटिक्स ने इसे विकसित किया है.

– निर्माण

* डीआरडीओ के लैब सेंटर फॉर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड रोबोटिक्स में डॉ जी अथिथन, उनकी टीम, जिसमें इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के जी रवींद्र और राहुल एम खड़गे शामिल थे, ने विकसित किया. टीम को इसके लिए अग्नि अवार्ड फॉर एक्सलेंस इन सेल्फ-रिलायंस 2008 मिला.

* पूर्णत: स्वदेशी हल्के और मानवरहित विमान का डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट और मुंबई की निजी कंपनी आइडया फोर्ज ने मिल कर किया है निर्माण.

– उद्देश्य

अमेरिका, ब्रिटेन, चीन और ईरान की तरह भारत भी देश में राष्ट्रीय इंटरनेट स्कैनिंग और सहयोग केंद्र स्थापित करना चाहता है, ताकि आतंकवादी या अन्य राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का समय रहते पता चल सके.

– ट्रैफिक विश्लेषण

* सुरक्षा एजेंसियां इसके जरिये किसी भी संवाद को इंटरसेप्ट कर सकेंगी.

– टैपिंग

* ट्विटर, स्टैटस अपडेट, ई-मेल, इंस्टैंट मैसेज, इंटरनेट कॉल, ब्लॉग और अन्य फोरम पर भी होगी सुरक्षा एजेंसियों की नजर.

– वॉयस टैपिंग

* गूगल टॉक, स्काइप या ब्लैकबेरी के यूजर भी नेत्र को चकमा नहीं दे सकेंगे.

– इन्हें मिलेगी सूचना

आइबी, रॉ और अन्य राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियां

* 300 जीबी तक मैसेज रॉ और आइबी कर सकेंगे स्टोर

* 100 जीबी अन्य एजेंसियों को उपलब्ध कराये जायेंगे

– अमेरिका से मांगेंगे मदद

* साइबर अपराध रोकने के लिए भारत सरकार इंडो-अमेरिकन अलर्ट, वाच एंड वार्न नेटवर्क स्थापित करने पर भी विचार कर रही है

* गृह मंत्रालय अमेरिका से तकनीकी मदद की मांग करने पर भी विचार कर रहा है, ताकि व्हाट्सएप, वीचैट, स्काइप आदि के संवाद को भी कंट्रोल रूम तक पहुंचा सके

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel