नयी दिल्ली :भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित के उस दावे को खारिज किया है जिसमें कहा गया कि एनआइए के पाक दौरे को लेकर दोनों मुल्कों में पहले ही सहमति बन चुकी थी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने गुरुवार को कहा कि जेआईटी के पठानकोट आने से पहले ही इस संबंध में दोनों देशों के बीच बातचीत हो गई थी. आपको बता दें कि बासित ने एनआईए के पाकिस्तान दौरे पर कहा कि व्यक्तिगत तौर पर उन्हें लगता है कि यह पूरी जांच पड़ताल आदान-प्रदान की बात नहीं है जबकि भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि पाकिस्तानी जेआईटी (संयुक्त जांच दल) के भारत दौरे से पहले, पाकिस्तान इस बात पर सहमत हुआ था कि यह आपसी आदान-प्रदान के आधार पर होगा.
भारत ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त के इस बयान का खंडन किया कि पाकिस्तानी जेआईटी का दौरा आदान-प्रदान के आधार पर नहीं हुआ था और कहा कि इस टीम के भारत आने से पहले दोनों पक्ष सहमत हुए थे कि यह आपसी आदान-प्रदान के आधार पर होगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरुप ने गुरुवार को कहा, ‘‘हमने पठानकोट वायुसेना स्टेशन पर आतंकवादी हमले की जांच के लिए जेआईटी टीम के दौरे पर पाकिस्तानी उच्चायुक्त के बयान देखे हैं जो आदान-प्रदान के संदर्भ में है. ‘ उन्होंने कहा, ‘‘विदेश मंत्रालय स्पष्ट करना चाहता है कि जेआईटी के दौरे से पहले 26 मार्च, 2016 को भारतीय उच्चायोग ने पाकिस्तान विदेश मंत्रालय को औपचारिक रुप से सूचित किया था कि कार्यक्षेत्र के बारे में इस आधार पर व्यापक सहमति बनी है कि ये आदान-प्रदान पर आधारित होगा तथा वर्तमान कानूनी प्रावधानों के अनुरुप रहेगा. ‘
उन्होंने कहा, ‘‘तत्पश्चात जेआईटी ने 27 मार्च से एक अप्रैल 2016 के दौरान दौरा किया. ‘ इससे पहले मीडिया से बाचतीत करते हुए पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने कहा था, ‘‘मेरे विचार से पूरी जांच आदान प्रदान के आधार पर नहीं है. यह घटना की तह तक जाने के लिए सहयोग देने या दोनों देशों द्वारा एक दूसरे को सहयोग पहुंचाने को लेकर कहीं ज्यादा है. ‘ बासित के इस बयान पर भारत पाकिस्तान शांति प्रक्रिया निलंबित है, स्वरुप ने पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया के संवाददाता सम्मेलन का हवाला दिया जिसमें उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कई बार कहा है कि दोनों देश एक दूसरे के संपर्क में हैं और दोनों पक्षों ने यह दोहराया है कि तौर तरीके तैयार किए जा रहे हैं. ‘
जकारिया से जब भारत पाकिस्तान विदेश सचिव स्तरीय वार्ता के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक बार फिर कहूंगा कि वार्ता मुद्दों को हल करने का सबसे अच्छा साधन है. मैंने भारतीय विदेश सचिव का बयान पढा है जिसकी आप चर्चा कर रहे हें और उसमें भी इस बात का संकेत है कि वार्ता होगी. ‘