नयी दिल्ली : सीबीआई द्वारा आज गैंगस्टर छोटा राजन के खिलाफ दाखिल आरोपपत्र में कहा गया है कि उसने 1998 में बेंगलूरु पासपोर्ट दफ्तर से मोहन कुमार नाम से उसे जारी एक फर्जी यात्रा दस्तावेज के आधार पर कथित तौर पर दो बार विदेशों में भारतीय मिशनों से पासपोर्ट जारी कराया था. छोटा राजन के खिलाफ फर्जी पासपोर्ट का मामला दर्ज कराने वाली एजेंसी ने राजन और बेंगलुरु पासपोर्ट कार्यालय के तीन पूर्व अधिकारियों के खिलाफ आज पटियाला हाउस अदालत में अपना आरोपपत्र दायर किया है.
सीबीआई सूत्रों ने कहा कि राजेंद्र सदाशिव निकलजे उर्फ छोटा राजन और तीन पासपोर्ट अधिकारियों – जय श्री रहाते, दीपक नटवरलाल शाह और ललित लायमंस को आरोपपत्र में आरोपी बनाया गया है. ये तीनों अधिकारी बेंगलुरु पासपोर्ट कार्यालय में तैनात थे और अब सेवानिवृत्त हो गये हैं. सीबीआई सूत्रों ने कहा कि एजेंसी ने आरोपपत्र में उन पर आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधडी, जालसाजी के आरोप तथा भ्रष्टाचार निरोधक कानून के प्रावधानों के तहत आरोप लगाये हैं.
सीबीआई ने राजन और अज्ञात सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ यह आरोप लगाते हुए एक मामला दर्ज किया था कि उसने कथित तौर पर फर्जी नाम मोहन कुमार, कथित निवासी 107:बी, ओल्ड एमसी रोड, आजाद नगर, मांड्या (कर्नाटक) के नाम से एक भारतीय पासपोर्ट नम्बर. जी 9273860 तैयार कराया. गौड ने कहा, ‘वह कथित तौर पर उक्त पासपोर्ट और पर्यटन वीजा पर 22 सितम्बर 2003 को आस्ट्रेलिया पहुंचा और उसके बाद धोखाधडी से विभिन्न वीजा प्राप्त किये और तब से 25 अक्तूबर, 2015 तक वहां रहा.’
इंडोनेशियाई पुलिस ने राजन को बाली में 25 अक्तूबर 2015 को उसके खिलाफ इंटरपोल की ओर से जारी रेड कार्नर नोटिस पर तब हिरासत में लिया जब वह आस्ट्रेलिया से वहां पहुंचा. उसे बाद में छह नवम्बर 2015 को भारत भेज दिया गया था.

