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जम्मू कश्मीर में सरकार गठन को लेकर गतिरोध जारी
श्रीनगर / जम्मू: जम्मू कश्मीर में नई सरकार के गठन को लेकर आज भी गतिरोध बना रहा तथा दिवंगत मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की अगुवाई वाली सरकार में शामिल रहे पीडीपी एवं भाजपा ने अपने भावी कदम को लेकर चुप्पी साधे रखी. इस बात की संभावना है कि पीडीपी की कल बैठक हो सकती है. […]
श्रीनगर / जम्मू: जम्मू कश्मीर में नई सरकार के गठन को लेकर आज भी गतिरोध बना रहा तथा दिवंगत मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की अगुवाई वाली सरकार में शामिल रहे पीडीपी एवं भाजपा ने अपने भावी कदम को लेकर चुप्पी साधे रखी. इस बात की संभावना है कि पीडीपी की कल बैठक हो सकती है.
इस बीच पार्टी ने दावा किया है कि भाजपा को यह बताना चाहिए कि क्या वह पिछले साल की सहमति वाले गठबंधन के एजेंडा को लागू करने की इच्छुक है. पीडीपी के एक नेता ने कहा, ‘‘ पार्टी ने सरकार गठन के बारे में अपने रुख की जानकारी भिजवा दी है तथा अब अगला कदम भाजपा को उठाना है….क्या वह उस गठबंधन एजेंडा को लागू करने के लिए इच्छुक है जिस पर सहमति बनी थी.
‘ पीडीपी के वरिष्ठ नेता नईम अख्तर ने यह स्पष्ट किया कि पीडीपी सईद की अगुवाई वाली और भाजपा के गठबंधन में बनायी गयी सरकार के 10 माह के प्रदर्शन की समीक्षा करेगी.उन्होंने कहा, ‘‘मुफ्ती साहब का जम्मू कश्मीर को आधुनिक राज्य बनाने का एक नजरिया था। उनके निधन के कारण वह लक्ष्य साकार नहीं हो पाया.
महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व में पार्टी को इस बात की समीक्षा करने की आवश्यकता है कि हम अभी तक मुफ्ती साहब के नजरिये को पूरा करने में कितने सफल हुए हैं.’ गठबंधन के एजेंडा को एक पवित्र दस्तावेज करार देते हुए अख्तर ने कहा कि इस बात की समीक्षा करनी होगी कि क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुफ्ती के साझा दृष्टिकोण को आगे बढाया गया. उन्होंने कहा कि इसके क्रियान्वयन में कई खामियां हैं. इस संदर्भ में उन्होंने राज्य में बिजली परियोजना को फिर शुरु करने, स्मार्ट सिटी का विकास, सशस्त्र बलों द्वारा प्रयुक्त जमीन को वापस लौटाये जाने आदि का उल्लेख किया.
पीडीपी नेता ने कहा, ‘‘मैं यह कह रहा हूं कि यह जम्मू कश्मीर के साथ साथ राष्ट्रीय चिंता के भी विषय हैं.’ उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा को भी समीक्षा करनी चाहिए. अख्तर ने कहा कि मुफ्ती अपने कद के चलते इन चिंताओं से पार पा सकते थे किन्तु उनकी अनुपस्थिति में पीडीपी में यह दुविधा है कि क्या चीजें उसी तरह से आगे बढ सकती है.दूसरी तरफ भाजपा सरकार गठन को लेकर चुप्पी साधे हुए है. पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा कि पीडीपी के साथ किसी प्रकार का मतभेद होने के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है.
उन्होंने जम्मू में एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरा गंभीरता से यह मानना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश विकास मोर्चे पर तेज गति से आगे बढा है. मेरी इच्छा है और वास्तविक इच्छा है कि जम्मू कश्मीर इस अवसर से वंचित न रह जाए।’ पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पीडीपी द्वारा भाजपा के साथ गठबंधन में अपने कामकाज की समीक्षा किया जाना विपक्ष के इस आरोप को सही साबित करता है कि सरकार ने पिछले दस माह में कुछ भी नहीं किया. गौरतलब है कि राज्य नौ जनवरी से राज्यपाल शासन के तहत है क्योंकि सईद की मृत्यु के बाद पीडीपी एवं भाजपा ने सरकार गठन का दावा नहीं किया है.
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