विजयवाडा: केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि देश की प्रगति के लिए आवश्यक सहयोगात्मक संघवाद के लक्ष्य को हासिल करने के लिए क्षेत्रीय परिषदों का मंच सबसे महत्वपूर्ण माध्यमों में शामिल है.दक्षिण क्षेत्रीय परिषद् के 26वें बैठक का यहां उद्घाटन करते हुए सिंह ने यहां कहा कि राजग सरकार ने क्षेत्रीय परिषद् और अंतर राज्यीय परिषद् जैसे संस्थानों को मजबूत करने पर सबसे ज्यादा जोर दिया है.
एक अधिकारी ने सिंह के हवाले से बताया, ‘‘इन संस्थानों में सक्रिय सहयोग के जरिये केंद्र और राज्यों के बीच तथा स्वस्थ्य चर्चा से राज्यो के बीच कई समस्याओं के समाधान की क्षमता है.” मंत्री ने सम्मेलन में हिस्सा लेने वालों से कहा कि सरकार इस वर्ष सभी क्षेत्रीय परिषदों की बैठक आयोजित करने में सफल रही है. क्षेत्रीय परिषदों की बैठक आयोजित करने से पहले सभी क्षेत्रीय परिषदों की स्थायी समितियों की बैठक भी आयोजित की गई थी.उन्होंने कहा कि सरकार ने हाल में अंतर राज्यीय परिषद् का पुनर्गठन किया था जो काफी समय से लंबित था और इसकी बैठक भी जल्द ही की जाएगी.
सिंह ने कहा कि देश को नक्सवाल से गंभीर खतरे हैं जिसका प्रभावी तरीके से और राज्यों को सामूहिक तरीके से निपटने की जरुरत है.उन्होंने कहा, ‘‘अन्य चुनौतियों में दक्षिणी राज्यों की तटीय सुरक्षा को भी मजबूत करने की आवश्यकता है.” इससे पहले सिंह ने तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश और पुडुचेरी में हाल में आए विनाशकारी बाढ में अपना जीवन गंवाने वाले लोगों के परिजनों से सहानुभूति जताई.
उन्होंने आश्वासन दिया कि बाढ से प्रभावित लोगों की कठिनाईयों को दूर करने और राहत एवं पुनर्वास अभियान में केंद्र सरकार हरसंभव सहयोग करेगी.बैठक में आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, तेलंगाना के गृह मंत्री एन नरसिंह रेड्डी, कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर और केरल के जल संसाधन मंत्री पी जे जोसफ तथा दक्षिणी राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों ने शिरकत की.
