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कोयला ब्‍लॉक के लिए जिंदल, राव, कोड़ा ने साजिश रची : सीबीआई

नयी दिल्ली : सीबीआई ने आज विशेष अदालत के समक्ष कहा कि उद्योगपति नवीन जिंदल पूर्व कोयला राज्यमंत्री दसारी नारायण राव, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोडा तथा पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता ने अन्य के साथ मिलकर जिंदल समूह की दो कंपनियों को कोयला ब्‍लॉक के आबंटन के लिए साजिश रची. जांच एजेंसी […]

नयी दिल्ली : सीबीआई ने आज विशेष अदालत के समक्ष कहा कि उद्योगपति नवीन जिंदल पूर्व कोयला राज्यमंत्री दसारी नारायण राव, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोडा तथा पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता ने अन्य के साथ मिलकर जिंदल समूह की दो कंपनियों को कोयला ब्‍लॉक के आबंटन के लिए साजिश रची. जांच एजेंसी ने कहा कि जिंदल समूह की कंपनियों के पक्ष में झारखंड सरकार में पूरी प्रणाली में ‘हेराफेरी’ की गयी ताकि जिंदल स्टील एंड पावर लि. (जेएसपीएल) तथा गगन स्पांजी आयरन प्राइवेट लि. (जीएसआईपीएल) को अमरकोंडा मुरगादंगल कोयला ब्‍लॉक आबंटित किया जा सके.

वरिष्ठ सरकारी अभियोजक वी के शर्मा ने विशेष सीबीआई न्यायाधीश भरत पराशर के समक्ष कहा, ‘‘दसारी नारायण राव, मधु कोडा, नवीन जिंदल, एच सी गुप्ता तथा अन्य ने मिलकर आपराधिक साजिश रची ताकि जिंदल समूह की कंपनियों को कोयला ब्लाक आबंटित किया जा सके.’ सीबीआई ने झारखंड में अमरकोंडा मुरगादंगल कोयला ब्लाक जेएसपीएल तथा जीएसआईपीएल को आबंटित किये जाने में कथित अनियमितता से जुडे मामले में जिंदल, राव, कोडा, गुप्ता तथा 11 अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है.
आरोप तय किये जाने को लेकर दलील रखते हुए सरकारी अभियोजक ने कहा कि जेएसपीएल तथा जीएसआईपीएल को कोयला ब्‍लॉक के आबंटन में सरकारी पदों का दुरुपयोग कर किया गया और जांच समिति के कुछ सदस्यों की आपत्ति के बावजूद गुप्ता ने दोनों कंपनियों को कोयला ब्लाक आबंटित किये जाने की सिफारिश की.
वहीं दूसरी तरफ नवीन जिंदल और राव की तरफ से पेश अधिवक्ताओं ने पुरजोर तरीके से सीबीआई की दलील का विरोध करते हुए कहा कि उनके मुवक्किलों के खिलाफ ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है जो आरोप तय करने को न्यायसंगत ठहराये. राव के वकील ने कहा कि तत्कालीन कोयला राज्यमंत्री होने के नाते उनकी झारखंड राज्य में होने वाली गतिविधियों में कोई भूमिका नहीं थी और वह किसी साजिश में शामिल नहीं थे. सिफारिश जांच समिति ने की थी, जिससे उनका कोई लेना-देना नहीं था.
उन्होंने यह भी दलील दी कि जिंदल समूह की कंपनियों को कोयला ब्‍लॉक आबंटन करने की मंजूरी तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दी थी जो उस समय कोयला मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाल रहे थे. जहां तक कोयला आबंटन का सवाल है, राव के पास कोई अधिकार नहीं था.
इसी प्रकार, जिंदल की तरफ से पेश वकील एस वी राजू ने कहा कि सीबीआई कथित अपराधिक साजिश में संबंध और प्रकृति को स्पष्ट करने में विफल रही और ऐसा कोई ठोस साक्ष्य नहीं है जिससे सीबीआई द्वारा लगाये गये आरोप साबित हों. आरोप तय किये जाने को लेकर दलील कल भी जारी रहेगी.

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