नयी दिल्ली: भारत साइबर अपराधियों के लिए तेजी से एक ‘रणनीतिक लक्ष्य’ बन रहा है और 2015 की पहली छमाही में अनुमानित 38 प्रतिशत संगठनों को साइबर हमले के जोखिम का सामना करना पडा.
सुरक्षा समाधान उपलब्ध कराने वाली फर्म फायरआई की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 38 प्रतिशत संगठनों को साल की पहली छमाही के दौरान साइबर हमले का जोखिम उठाना पडा, जबकि पिछले साल की इसी अवधि में ऐसे संगठनों की संख्या 23 प्रतिशत थी. रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘ डिजिटल इंडिया जैसी महती परियोजनाओं के जरिए संवेदनशील सूचनाओं को डिजिटल प्रारुप में ढाले जाने की संभावना है जिसके मद्देनजर भारत साइबर हमलावरों के निशाने पर आ रहा है.’
