ब्रिटेन की मशहूर मैगजीन ‘द इकोनॉमिस्ट’ ने भारत में नरेंद्र मोदी सरकार के एक साल को पूरे होने पर इसे ‘वन मैन बैंड’ की संज्ञा दी. मैगजीन ने एक चित्र भी छापा है, जिसमें वो अपने साथ कई म्युजिकल इंस्ट्रूमेंट लिए हुए हैं. मैगजीन ने आलोचना करते हुए कहा कि एक साल पहले नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में भारतीय जनता पार्टी की सरकार अच्छे दिन के वादे कर सत्ता में आयी. लेकिन उनकी सरकार की स्पीड बहुत निराशाजनक है.
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नरेंद्र मोदी सरकार के एक साल पर ब्रिटिश मैगजीन ”द इकोनॉमिस्ट” ने की खिंचाई, कहा – PM मोदी हैं वन मैंन बैंड…
ब्रिटेन की मशहूर मैगजीन ‘द इकोनॉमिस्ट’ ने भारत में नरेंद्र मोदी सरकार के एक साल को पूरे होने पर इसे ‘वन मैन बैंड’ की संज्ञा दी. मैगजीन ने एक चित्र भी छापा है, जिसमें वो अपने साथ कई म्युजिकल इंस्ट्रूमेंट लिए हुए हैं. मैगजीन ने आलोचना करते हुए कहा कि एक साल पहले नरेन्द्र मोदी […]
द इकोनॉमिस्ट ने यह भी लिखा है कि भारत में तीस साल के इतिहास में पहली बार भाजपा को स्पष्ट जनादेश मिला. समस्या यह है कि भारत बदलाव चाहता है और दिक्कत यह है कि ‘वन मैन बैंड’ के लिए काम बहुत ज्यादा है.
मैगजीन ने कहा है कि इसमे कोई संदेह नहीं कि मोदी की एक धारणा है कि वो भारत को एक विकसित राष्ट्र बनना चाहिए. कुछ वर्षों में यह दुनिया में सबसे बड़ी आबादी वाला देश और विश्व की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक ताकत बन जाएगा. लेकिन प्रधानमंत्री सोचते हैं कि इसे सिर्फ एक ही इंसान नेतृत्व कर सकता है और वो है – नरेन्द्र दामोदार दास मोदी .
‘द इकोनॉमिस्ट’ ने कहा कि मोदी की दो बड़ी गलतियां हैं. वो सोचते हैं कि कड़वे फैसले के लिए इंतजार किया जा सकता है. हो सकता है कि ऐसा इसलिए है कि शायद मोदी सोचते होंगे कि जबतक कि दोनों सदनों में वो बहुमत में न आ जाए, तबतक यह काम नहीं हो सकता. दूसरी गलती यह है कि वो सोचते हैं कि मोदी अकेले बदलाव ला सकते हैं. मैगजीन ने कहा कि मोदी की सोच अब भी गुजरात के मुख्यमंत्री जैसी है, न कि एक राष्ट्रीय नेता की तरह जो देश को मजबूत और समृद्ध बना सके. यदि वह देश में बदलाव चाहते है तो वन मैन बैंड को नयी ट्यून खोजनी होगी.
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