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योगेंद्र यादव व प्रशांत भूषण को पीएसी से बाहर करने के तरीके पर उठी उंगली, असंतुष्टों की यादव के घर पर बैठक

नयी दिल्ली : आम आदमी पार्टी की लडाई थमने का नाम नहीं ले रही है. इस बार पार्टी के खिलाफ मयंक गांधी ने आवाज उठाई है. मयंक गांधी ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि मैं कल की बैठक के बारे में लिख रहा हूं जिसके लिए मैं क्षमा मांगता हूं. इस ब्लॉग के माध्‍यम […]

नयी दिल्ली : आम आदमी पार्टी की लडाई थमने का नाम नहीं ले रही है. इस बार पार्टी के खिलाफ मयंक गांधी ने आवाज उठाई है. मयंक गांधी ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि मैं कल की बैठक के बारे में लिख रहा हूं जिसके लिए मैं क्षमा मांगता हूं. इस ब्लॉग के माध्‍यम से उन्होंने योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को पार्टी के पीएसी से निकाले जाने के खिलाफ आवाज उठाई है. इस संबंध में आप नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि पिछले 12 घंटे से मुझे देशभर के पार्टी कार्यकर्ताओं के संदेश मिल रहे हैं.

पार्टी ने जो भी निर्णय लिया है उसपर मुझे कोई आपत्त‍ि नहीं है लेकिन मैं यह कहना चाहूंगा कि सच कभी न कभी सामने आ जाता है. मैं समर्थकों से कहना चाहूंगा कि वे आस्था रखें. सत्य परेशान भले हो, लेकिन पराजित नहीं हो सकता है. जब पत्रकार ने पूछा कि क्या आप इस्तीफा दे देंगे, तो उन्होंने फिर से दोहराया कि ना तोड़ेंगे, ना छोड़ेंगे, सुधरेंगे और सुधारेंगे.

मयंक ने ब्लॉग में लिखा है कि वो दोनों को पार्टी के पीएसी से बाहर किए जाने के हक में थे, लेकिन उन्हें जिस तरह से सार्वजनिक तौर पर बाहर निकाला गया उससे उन्हें धक्का लगा है. मयंक ने ये भी खुलासा किया है कि अरविंद इन दोनों से पीएसी से बाहर करना चाहते थे और इसीलिए उन्होंने 26 फरवरी को पार्टी के संयोजक पद से इस्तीफा दिया था. मयंक गांधी ने ये भी कहा कि वो जानते हैं कि इस खुलासे से उन्हें भी इसके नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं.

मयंक ने लिखा है कि 2011 में अरविंद केजरीवाल ने लोकपाल पर कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल से बात की थी उस दौरान सिब्बल ने कहा था कि इस बैठक की चर्चा बाहर नहीं की जाये लेकिन केजरीवाल ने कहा था कि देश की जनता के लिए बैठक की बात को उजागर करना जरूरी है.

उधर, शाम में योगेंद्र यादव के घर पर आम आदमी पार्टी के कुछ असंतुष्ट नेताओं की बैठक हुई. हालांकि बैठक को कोई ब्योरा मीडिया से साझा नहीं किया गया. योगेंद्र यादव के घर पर हुई बैठक में प्रशांत भूषण, प्रो आनंद कुमार व अजीत झा जैसे नेता शामिल थे. समझा जाता है कि इस बैठक में इन लोगों ने भावी रणनीति तय की है. इस बीच, पार्टी की ओर से कुमार विश्वास को अंसुतष्ट खेमे को मनाने की जिम्मेवारी दी गयी है. बहरहाल, इतना तो तय है कि अभी आप का कलह पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है और इसकी अंदरूनी लड़ाई आने वाले दिनों में और खुल कर सामने आयेगी.

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