नयी दिल्ली: योजना आयोग के पुनर्गठन को लेकर विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. विपक्ष का कहना है यह नीति नहीं ‘‘दुर्नीति’’ है. विपक्ष ने इस फैसले की आलोचना करते हुए आशंका जताई कि इससे राज्यों के साथ भेद-भाव होगा तथा नीति बनाने में कार्पोरेट्स की चलेगी.
Advertisement
योजना आयोग के पुनर्गठन पर बिफरा विपक्ष, कहा – यह नीति नहीं दुर्नीति आयोग है
नयी दिल्ली: योजना आयोग के पुनर्गठन को लेकर विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. विपक्ष का कहना है यह नीति नहीं ‘‘दुर्नीति’’ है. विपक्ष ने इस फैसले की आलोचना करते हुए आशंका जताई कि इससे राज्यों के साथ भेद-भाव होगा तथा नीति बनाने में कार्पोरेट्स की चलेगी. माकपा नेता सीताराम येचुरी ने योजना आयोग का […]
माकपा नेता सीताराम येचुरी ने योजना आयोग का नाम बदले जाने को ‘‘दुर्नीति’’ बताया. उन्होंने कहा कि अगर सरकार साल 2015 के पहले दिन जनता का ‘सतही और दिखावटी’’ बातों से ‘अभिनंदन’ करना चाहती है तो कुछ नहीं कहा जा सकता है.उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम से पता चलता है कि प्रधानमंत्री कार्यालय और वित्त मंत्रालय की राजकोषीय और मौद्रिक उद्देश्यों के लिए दृष्टि बहुत छोटी है.
येचुरी ने कहा कि ऐसी आशंका है कि नीति आयोग राज्यों और केंद्र के बीच विवाद की स्थिति में अंतिम फैसला करेगा और इससे राज्यों के साथ भेद-भाव होगा.कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने भी कहा कि अंतत: नीति आयोग की ही चलेगी और इससे राज्यों के साथ भेद-भाव हो सकता है.
तिवारी ने कहा, ‘‘आखिर योजना आयोग क्या कर रहा था ! वह योजनाएं बनाता था. ऐसे में योजना आयोग का नाम बदल कर नीति आयोग करके यह सरकार क्या संदेश देने का प्रयास कर रही है.’’उन्होंने कहा कि योजना आयोग के पुनर्गठन का विरोध कांग्रेस ने सैद्धांतिक आधार पर किया था.
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘‘यह लड़ाई लडने का सवाल नहीं था, बल्कि यह सिद्धांतों की बात थी. विपक्ष में रहते भाजपा संघवाद की बढ-चढ कर बात करती थी और अब सत्ता में आने पर वह इसके एकदम उलट कर रही है.’’
Advertisement