नयी दिल्ली : दिल्ली वाले हर काम दील से करते हैं. दीपावली पर उन्होंने खूब पटाखे भी जलाये. लेकिन आतिशबाजी में लोगों ने अपने शहर के पर्यावरण का ख्याल नहीं रखा और प्रदूषण से होने वाले नुकसान की भी चिंता नहीं की. दीपावली के एक दिन बाद राष्ट्रीय राजधानी में वायु की गुणवत्ता में गंभीर गिरावट दर्ज की गयी और हवा में प्रदूषण का स्तर सामान्य दिनों की तुलना में पांच गुणा अधिक बढ़ गया. यह स्थिति काफी लोगों के लिए श्वसन संबंधी परेशानी पैदा करने वाली रही.
वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान और शोध प्रणाली (सफर) के वैज्ञानिकों ने बताया कि सांस लेने की प्रक्रिया को सीधे प्रभावित करने वाला कारक श्वसन घुलनशील वायुमंडलीय प्रदूषण तत्व (आरएसपीएम) का स्तर वातावरण की वायु गुणवत्ता मानक की तुलना में पांच गुना बढ़ गया.
सफर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा गुफरान बेग ने बताया, ‘‘24 घंटे का औसत पीएम 10 : वायुमंडलीय प्रदूषण 10 : 427 मिलीग्राम प्रति घन मीटर और पीएम 2.5 का स्तर 278 एमजीपीसीएम दर्ज किया गया जो सुझाये गए स्तर क्रमश: 100 एमजीपीसीएम और 60 एमजीपीसीएम से करीब पांच गुणा अधिक है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ ऐसे प्रदूषणकारी तत्व हृदय और मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकते हैं. जिन लोगों को दमा, फेफड़ा या दिल की बीमारी आदि है, उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.’’ रात्रि 10 बजे के बाद दिल्ली में सभी छह वायु गुणवत्ता मानकों में बढोत्तरी देखी गयी.