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काला धन मामला : मनमोहन सरकार की राह पर मोदी सरकार

नयी दिल्ली : नरेंद्र मोदी सरकार ने आज सुप्रीम कोर्टमें मनमोहन सरकार का राग अलापा है. सरकार की ओर से काले धन पर पक्ष रखते हुए मुकुल रहतोगी ने कहा कि सरकार विदेशों के जमा काले धन पर कुछ भी बताने में असमर्थ है. ऐसा डबल टैक्ससेशन की वजह नहीं हो सकता है. केंद्र ने […]

नयी दिल्ली : नरेंद्र मोदी सरकार ने आज सुप्रीम कोर्टमें मनमोहन सरकार का राग अलापा है. सरकार की ओर से काले धन पर पक्ष रखते हुए मुकुल रहतोगी ने कहा कि सरकार विदेशों के जमा काले धन पर कुछ भी बताने में असमर्थ है. ऐसा डबल टैक्ससेशन की वजह नहीं हो सकता है. केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि भारत का कुछ देशों के साथ इस तरह की संधि है जिसके कारण उन्होंने जो जनकारी काले धन को लेकर दी है उसका खुलासा नहीं किया जा सकता है. सरकार के इस पक्ष का वकील रामजेठमलानी ने विरोध किया है. उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा काले धन को उजागर करने की नहीं है. अब इस ममाले की सुनवाई 28 अक्टूबर को होगी.

चुनाव के पूर्व किये गये बड़े-बड़े वादे

लोकसभा चुनाव के पूर्व भाजपा की ओर काले धन को लेकर बड़े बड़े वादे किये गये थे. नरेंद्र मोदी की लगभग सभी रैलियों में काले धन को लेकर कांग्रेस को निशाना बनाया गया. विदेशों में जमा काला धन वापस लाने और भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने के लिए नरेंद्र मोदी का साथ बाबा रामदेव ने दिया था. काले धन को लेकर इसके पहले भी मुहिम चलाई जा चुकी है. इसमें भाजपा के वरिष्‍ठ नेता लाल कृष्‍ण आडवाणी महेश जेठमलानी राम जेठमलानी और बाबा रामदेव साथ आ चुके हैं.

‘मुंडे मुंडे मत भिन्ना’

‘मुंडे मुंडे मत भिन्ना’ भाजपा में यह कहावत पूरी तरह लागू होती है. पार्टी के अंदर ही कई बार दक्षिपंथी नेताओं के द्वारा वित्त मंत्री अरुण जेटली का विरोध होता रहा है. सुप्रीम कोर्ट में सरकार का पक्ष रख रहे मुकुल रहतोगी को अरुण जेटली का करीबी बताया जाता है. जहां एक ओर पार्टी के कुछ नेता काले धन को लेकर वर्षों से आंदोलन में लगे हैं वहीं सरकार के इस बयान ने पार्टी के लिए असहज स्थिति पैदा कर दी है. पार्टी के वरिष्‍ठ नेताओं के समूह ने लगातार दस वर्षों तक संसद के अंदर और बाहर काले धन को लेकर संघर्ष किया है. ऐस हालत में पार्टी के लिए सरकार के बयान के साथ खड़ा होना उसके अपने समर्थकों और नेताओं दोनों के लिए परेशानी का सबब बन सकता है.

क्या है डबल टैक्ससेशन

सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को डबल टैक्ससेशन का हवाला दिया है. डबल टैक्सशेसन का अर्थ है कि यदि कोई व्यक्ति भारत में पैसे कमाकर उसका टैक्स देता है और उस धन को वह दूसरे देश में जमा करता है. वह उस देश को भी जमाधन पर टैक्स देता है. भारत ने कुछ देशों के साथ इस संबंध में संधि की है जिस कारण से वे ऐसे व्यक्ति का नाम बताने में असमर्थता जताते आये हैं.

तो हम भरोसा खो देंगे

सरकार का पक्ष रख रहे वकील मुकुल रहतोगी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सरकार यदि दूसरे देशों के साथ की गई संधि का उल्लंघन करते हुए नामों को उजागर देगी तो भारत की साख गिरेगी. वहीं राम जेठमलानी के विरोध का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जेठमलानी को कोर्ट में जिरह करने का अधिकार है.उनके आरोप अनुचित हैं.

Prabhat Khabar Digital Desk
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