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राजनाथ की उमर को दो टूक, कश्मीरी पंडितों के लिए करें जमीन की व्यवस्था

नयी दिल्ली:कश्मीरी विस्थापितों को फिर से उनके घरों में वापस लाने के लिए सरकार तैयार नजर आ रही है. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज जम्मू- कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को विस्थापितों को आवास के लिए जमीन उपलब्ध कराने के लिए लिखा है. उमर को भेजे अपने पत्र में राजनाथ ने सुझाव दिया कि […]

नयी दिल्ली:कश्मीरी विस्थापितों को फिर से उनके घरों में वापस लाने के लिए सरकार तैयार नजर आ रही है. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज जम्मू- कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को विस्थापितों को आवास के लिए जमीन उपलब्ध कराने के लिए लिखा है.

उमर को भेजे अपने पत्र में राजनाथ ने सुझाव दिया कि जमीन की पहचान कश्मीरी विस्थापितों के गृह स्थलों के आसपास की जा सकती है, जहां से वह विस्थापित हुए थे गृह मंत्री ने यह सलाह भी दी कि यह इलाके इस बात को ध्यान में रखकर चुने जाएं कि वहां आसपास पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध हो.
इस समय देश में करीब 62,000 पंजीकृत कश्मीरी विस्थापित परिवार हैं, जो 1990 के दशक के शुरु में कश्मीर में आतंकवाद की तपिश बढने के बाद वहां से अपनी जडें काटकर जम्मू, दिल्ली अथवा देश के बाकी हिस्सों में जा बसे.
गृह मंत्री ने अपने पत्र में कहा कि केंद्र सरकार कश्मीरी विस्थापितों की कश्मीर घाटी में वापसी और उनके उचित पुनर्वास के लिए वचनबद्ध है. सिंह ने कहा कि यह उद्देश्य हासिल करने के लिए केंद्र ने पहले ही 500 करोड रुपये की व्यवस्था कर दी है, जिसकी घोषणा नई सरकार द्वारा पेश किए गए पहले बजट में की गई थी.
जम्मू कश्मीर में बाढ़, स्थिति गंभीर
कश्मीर में बाढ़ के कारण जन जीवन बेहाल हो गया है. बाढ़ से अबतक 20 लोगों के मारे जाने की खबर है. झेलम नदी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. केंद्र सरकार ने राहत और बचाव कार्य के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल( एनडीऐरएफ) की टीम भी रवाना कर दी है. गुरुवार को एक बस के बह जाने से लापता हुए 45 अन्य के मरने की आशंका है.कई इलाके जलमग्न हो गये है इनमें पुलवामा, अनंतनाग और कुलगाम सहित दक्षिण कश्मीर के अधिकतर हिस्से शामिल है.
राज्य में स्थिति बिगड़ने के बीच सेना राहत अभियान में शामिल हुई. राज्य में बाढ़ के कारण सड़कों, दर्जनों पुलों, इमारतों तथा फसलों को नुकसान पहुंचा है. राज्य के स्कूल और कालेज सोमवार तक बंद हैं जबकि कश्मीर के विश्वविद्यालयों ने दो दिन के लिए सभी काम रोक दिये हैं. बाढ़ के कारण आज विद्यालयों में भी मोदी की पाठशाला नहीं चल पायी. श्रीनगर में झेलम खतरे के निशान से 4 . 40 फुट उपर 22 . 40 फुट पर बह रही है जिससे शहर के कई क्षेत्र पानी में डूब गये हैं.

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