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लोकसभा में हेमा,अमरिन्दर,डिंपल,मुजफ्फर बेग और शिबू सोरेन भी रहे हैं गैरहाजिर

नयी दिल्ली: राज्यसभा में सांसद सचिन तेंदुलकर और रेखा की गैर मौजूदगी के बाद से राजनीति अब तेज हो गयी है. कई नेताओं ने सचिन और रेखा की जोरदार आलोचना की है. प्रेस परिषद के अध्‍यक्ष मार्कंड्ये काटजू ने मो सचिन का भारत रत्‍न दिये जाने पर ही सवाल खड़ा कर दिया है. उन्‍होंने सचिन […]

नयी दिल्ली: राज्यसभा में सांसद सचिन तेंदुलकर और रेखा की गैर मौजूदगी के बाद से राजनीति अब तेज हो गयी है. कई नेताओं ने सचिन और रेखा की जोरदार आलोचना की है. प्रेस परिषद के अध्‍यक्ष मार्कंड्ये काटजू ने मो सचिन का भारत रत्‍न दिये जाने पर ही सवाल खड़ा कर दिया है. उन्‍होंने सचिन को भारत रत्‍न दिये जाने को देश के अपमान से जोड़ दिया.

बहरहाल एक नजर संसद में उपस्थिति पर डाला जाए तो पता चलेगा इस गैर मौजूदगी मामले में कई नेता शामिल हैं. 16वीं लोकसभा के चालू सत्र में कम उपस्थिति दर्ज कराने वालों में हेमा मालिनी, कैप्टन अमरिन्दर सिंह, डिंपल यादव, मुजफ्फर हुसैन बेग, शिबू सोरेन, बाबुल सुप्रियो, विठ्ठलभाई हंसराज भाई रडाडिया आदि शामिल हैं. 543 सदस्यीय निचले सदन में चालू सत्र में अब तक (21 बैठक) प्रतिदिन औसतन 448 सदस्य उपस्थित रहे जबकि प्रतिदिन औसतन 89 सदस्यों के सदन के उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर नहीं दिखे.

लोकसभा के चालू सत्र में अब तक शत प्रतिशत उपस्थिति दर्ज वालों में लालकृष्ण आडवाणी, करिया मुंडा, एस एस आहलुवालिया, आर के सिंह, कलीकेश सिंह देव, भतृहरि माहताब, कीर्ति आजाद, चिराग पासवान, योगी आदित्यनाथ, पी वेणुगोपाल, एम रामचंद्रन, रमा देवी, गणेश सिंह, अजय निषाद, लक्षमण गिलुआ, निशिकांत दूबे, जगदम्बिका पाल, सत्यपाल सिंह, शोभा करंदलाजे, रामकृपाल यादव, महेश गिरि, पूनम महाजन, सुमेधानंद सरस्वती, विंसेंट पाल आदि शामिल हैं.

लोकसभा सचिवालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री एवं अमृतसर से कांग्रेस सांसद कैप्टन अमरिन्दर सिंह निचले सदन में 5 दिन उपस्थित रहे जबकि जेकेपीडीपी के मुजफ्फर हुसैन बेग और झामुमो के शिबू सोरेन केवल एक दिन और सपा की डिंपल यादव पांच दिन उपस्थित हुई. भाजपा की हेमा मालिनी सदन में दो दिन उपस्थित हुई, वहीं पोरबंदर से सांसद विठ्ठलभाई हंसराज भाई रडाडिया 3 दिन और गायक एवं भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो 8 दिन उपस्थित हुए.

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की लोकसभा में उपस्थिति 19 दिन और राहुल गांधी की उपस्थिति 16 दिन दर्ज की गई. निचले सदन में वरुण गांधी 14 दिन और मुलायम सिंह 18 दिन उपस्थित हुए. लोकसभा के चालू सत्र में अब तक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खडगे 20 दिन, ज्योतिरादित्य सिंधिया 17 दिन, कमलनाथ 14 दिन, वीरप्पा मोइली 19 दिन, अशोक चव्हाण 11 दिन, दीपेन्द्र हुड्डा 15 दिन उपस्थित हुए.

निचले सदन में परेश रावल की उपस्थिति 15 दिन, जय प्रकाश नारायण यादव की 18 दिन, मुनमुन सेन की 14 दिन, सिराजुद्दीन अजमल की 2 दिन, किरण खेर की 19 दिन रही. लोकसभा के चालू सत्र में मुरली मनोहर जोशी 19 दिन उपस्थित रहे जबकि दुष्यंत सिंह 10 दिन, रमेश पोखरियाल निशंक 19 दिन, अनुराग सिंह ठाकुर 20 दिन, तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय 18 दिन, सुदीप बंदोपाध्याय 17 दिन, राजेश रंजन 17 दिन, रंजीत रंजन 20 दिन और अनुप्रिया पटेल 18 दिन उपस्थित रहीं.

चालू सत्र की अब तक संपन्न हुई 21 बैठकों में शशि थरुर 16 दिन लोकसभा में उपस्थित हुए जबकि मीनाक्षी लेखी 19 दिन, मनोज तिवारी 16 दिन, शत्रुघ्न सिन्हा 16 दिन, डा. धर्मवीर भारती 15 दिन, अर्पिता घोष 6 दिन उपस्थित रहीं. लोकसभा सचिवालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, चलन के मुताबिक जो सदस्य मंत्री होते हैं या मंत्री स्तर के होते हैं, विपक्ष के नेता या डिप्टी स्पीकर होते हैं… वे उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर नहीं करते.

सदस्यों का वेतन और भत्ता संसद सदस्य अधिनियम 1952 के तहत संचालित होता है और इसमें समय समय पर संशोधन होता है. विपक्ष के नेता का वेतन और भत्ता संसद अधिनियम 1977 के तहत संचालित होता है.

राज्यसभा सदस्य के रुप में अनेक जानी मानी हस्तियों की उच्च सदन में काफी कम सक्रियता देखी गई है. उच्च सदन में बैठकों में काफी कम हिस्सा लेने वाले सचिन तेंदुलकर ने अब तक केवल 3 बैठकों और रेखा ने 7 बैठकों में ही हिस्सा लिया.

तृणमूल कांग्रेस से निर्वाचित मिथुन चक्रवर्ती वर्तमान सत्र में अवकाश पर हैं. उच्च सदन में ओडिशा का प्रतिनिधित्व कर रहे बीजद के दिलीप तिर्की को भी सदन में बहुत कम देखा गया है. राज्यसभा सदस्य के रुप में लता मंगेशकर ने 170 बैठकों में केवल 6 में हिस्सा लिया. शबाना आजमी ने 170 बैठकों में से 113 में हिस्सा लिया जबकि जावेद अख्तर ने 147 बैठकों में से 66 में भाग लिया.

दारा सिंह ने उच्च सदन के सदस्य के रुप में 127 बैठकों में 76 में हिस्सा लिया था जबकि मृणाल सेन ने 170 बैठकों में से 30 में हिस्सा लिया था. संविधान के अनुच्छेद 104 के तहत सदस्य संसद के किसी भी सदन में 60 दिनों तक अनुपस्थित रहते हैं तब उनकी सीट को रिक्त घोषित किया जा सकता है.

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