नयी दिल्ली : सरकार ने बुधवार को कहा कि कीटनाशक के कारोबार को नियंत्रित करने और किसानों को नकली कृषि रसायनों के उपयोग से होने वाले नुकसान की भरपाई का प्रावधान करने वाले विधेयक को संसद के बजट सत्र में पेश किया जायेगा. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को कीटनाशक अधिनियम-1968 के स्थान पर लाये जाने वाले कीटनाशक प्रबंधन विधेयक-2020 के इस मसौदे को मंजूरी दे दी.
यह विधेयक कीटनाशकों की कीमतों को तय करते हुए कीटनाशक क्षेत्र का विनियमन करेगा और एक प्राधिकार की स्थापना करेगा. यह कीटनाशकों के विज्ञापनों को भी विनियमित करेगा और कानून के किसी भी उल्लंघन के लिए भारी जुर्माना और जेल की सजा का प्रावधान इसमें किया गया है. सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बताया कि जहां तक किसानों का सवाल है, क्योंकि यह हमारी प्राथमिक चिंता है, कीटनाशक प्रबंधन विधेयक, 2020 संसद के इसी सत्र में पेश किया जायेगा. आज, कीटनाशक व्यवसाय को वर्ष 1968 नियमों द्वारा विनियमित किया जाता है, जो पुराने हो गये हैं और इनका तत्काल पुनर्लेखन करने की आवश्यकता है.
मंत्री ने कहा कि यह कृषक समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण विधेयक है और किसानों के कल्याण के लिए सरकार द्वारा उठाया गया एक और कदम है. प्रस्तावित कानून की विभिन्न विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए जावड़ेकर ने कहा कि मुख्य उद्देश्य किसानों के हितों की रक्षा करना और उन्हें सुरक्षित और प्रभावी कीटनाशक की उपलब्धता सुनिश्चित करना है.
मंत्री ने कहा कि दूसरी बात यह है कि उन्हें (किसान) को नकली कीटनाशक नहीं मिलेगा, क्योंकि कई बार अगर उन्हें नकली कीटनाशक प्राप्त होता है, तो वो कुछ करने की स्थिति में नहीं होते. जावड़ेकर ने बताया कि इस कानून के पारित हो जाने पर सभी कीटनाशक निर्माताओं को नये अधिनियम के तहत पंजीकृत होना होगा.
उन्होंने कहा कि यहां तक कि उनके विज्ञापनों को विनियमित किया जायेगा कि किसानों को किसी भी तरह का कोई भ्रम या कोई धोखा न दे सकें. जावड़ेकर ने यह भी कहा कि अगर कीटनाशक नकली होते हैं या खराब गुणवत्ता के होते हैं और इसके कारण किसानों को नुकसान होता है, तो इसमें क्षतिपूर्ति का प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि यह बिल की एक अनूठी विशेषता है.
जावड़ेकर ने कहा कि इसके अलावा, किसानों को सभी जानकारी प्राप्त करने के लिए सशक्त किया जायेगा, क्योंकि डेटा खुले स्रोत और सभी भाषाओं में प्राप्त होगा. उन्होंने कहा कि अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि वह (किसान) कीटनाशकों की ताकत और उसकी कमजोरी, इसके जोखिमों और इसके विकल्पों के बारे में जान सकेंगे, क्योंकि यह आंकड़े खुले रूप में तथा डिजिटल प्रारूप में भी उपलब्ध होंगे.
मंत्री ने कहा कि किसान अनिवार्य रूप से कीटनाशक बेचने वाले डीलरों से इन सूचनाओं को प्राप्त करेंगे. नये विधेयक में वर्तमान में दो साल के स्थान पर पांच साल तक की कैद का भी प्रस्ताव किया गया है. बजट सत्र का दूसरा चरण दो मार्च से शुरू होगा.