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सावरकर पर राहुल गांधी के बयान के बाद सियासी रार, मुंबई से दिल्ली तक बढ़ा तापमान

नयी दिल्लीः दिल्ली के रामलीला मैदान से शनिवार को भारत बचाओ रैली में राहुल गांधी की हुंकार ने देश की सियासत में उथलपुथल पैदा कर दी है. राहुल गांधी ने जब शिवसेना के लिए हिन्दुत्व के हीरो सावरकर की दुहाई देते हुए कहा कि वे ‘रेप इन इंडिया’ वाले अपने बयान पर माफी नहीं मांगेगे […]

नयी दिल्लीः दिल्ली के रामलीला मैदान से शनिवार को भारत बचाओ रैली में राहुल गांधी की हुंकार ने देश की सियासत में उथलपुथल पैदा कर दी है. राहुल गांधी ने जब शिवसेना के लिए हिन्दुत्व के हीरो सावरकर की दुहाई देते हुए कहा कि वे ‘रेप इन इंडिया’ वाले अपने बयान पर माफी नहीं मांगेगे क्योंकि उनका नाम राहुल सावरकर नहीं, राहुल गांधी है.
एक दिन पहले ही ‘रेप इन इंडिया’ बयान पर घिर चुके राहुल गांधी द्वारा इस तरह सावरकर का नाम लिए जाने का शिवसेना ने तत्काल प्रतिवाद किया. आखिर ये शिवसेना के उस नायक का अपमान था, जिसके नाम पर पार्टी वर्षों से सियासत करती आई है. हाल ही में कांग्रेस की सहयोगी बनी पार्टी ने कहा कि हिंदुत्व के प्रतीक का अनादर नहीं किया जाना चाहिए.वहीं वीर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने रविवार को कहा कि इस मुद्दे पर मैं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात करूंगा. उन्होंने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का केस करने की भी बात कही है.

शिवसेना के नेता संजय राउत ने ट्वीट किया कि वीर सावरकर न सिर्फ महाराष्ट्र बल्कि पूरे राष्ट्र के लिए देवतुल्य हैं। हम गांधी और नेहरू का सम्मान करते हैं. आपको सावरकर का अपमान नहीं करना चाहिए. कांग्रेस के साथ इस मुद्दे पर बढ़ते गतिरोध के बीच शिवसेना ने कहा है कि सावरकर पर शिवसेना अपने पुराने स्‍टैंड पर कायम है.
राउत ने यह भी कहा कि सावरकर विवाद से महाराष्‍ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार को कोई खतरा नहीं है. इसके बाद महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राहुल गांधी पर पलटवार किया है. फडणवीस ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से दिया गया बयान पूरी तरह से निंदनीय है. राहुल गांधी सावरकर के नाखून के बराबर भी नहीं हैं और खुद को ‘गांधी’ समझने की गलती उन्हें नहीं करनी चाहिए. केवल आखरी नाम गांधी होने से कोई महात्मा गांधी नहीं बन जाता है.
बता दें कि महाराष्ट्र में शिवसेना ने कांग्रेस के समर्थन से सरकार भले ही बना ली हो, दोनों पार्टियों के बीच वैचारिक मतभेद पटते नहीं दिख रहे हैं. इधर, बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने सावरकर के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा है. मायावती ने कहा कि शिवसेना अपने मूल अजेंडे पर कायम है, उसने नागरिकता संशोधन बिल पर भी केंद्र सरकार का साथ दिया और अब सावरकर पर भी कांग्रेस का रुख उसे बर्दाश्‍त नहीं है.
बीएसपी नेता ने कहा कि इतना सब होने के बाद भी कांग्रेस शिवसेना के साथ बनी हुई है. कांग्रेस पार्टी अपनी स्थिति स्‍पष्‍ट करे नहीं तो इसे कोरी नाटकबाजी माना जाएगा. एनसीपी नेता छगन भुजबल ने कहा कि राहुल गांधी ने जो कुछ भी कहा वो उनकी अपनी सोोच है.
गौरतलब है कि इस वक्त महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी सत्ता में साझीदार हैं. राहुल गांधी ने अपनी साझीदार शिवसेना के आइकन पर उस मुद्दे को लेकर हमला बोला जो शिवसेना की दुखती रग रही है. राहुल का इशारा हिंदूवादी नेता विनायक दामोदर सावरकर की ओर से 14 नवंबर, 1913 को ब्रिटिश सरकार को कथित रूप से लिखे गए माफीनामे की तरफ था, जिसे उन्होंने अंडमान की सेलुलर जेल में कैद रहने के दौरान लिखा था.
रेप पर दिए गए बयान को लेकर बीजेपी की ओर से माफी की मांग पर राहुल ने शनिवार को कहा था कि उनका नाम राहुल सावरकर नहीं है, राहुल गांधी है और वे मर जाएंगे पर कभी माफी नहीं मांगेंगे.

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