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दिल्‍ली में वायु प्रदूषण को लेकर केंद्र और केजरीवाल सरकार के बीच वाकयुद्ध

नयी दिल्ली : केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के मुद्दे पर वाकयुद्ध में उलझी रही. केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने आप सरकार पर प्रदूषण से निपटने के बजाय अपना प्रचार करने को लेकर प्रहार किया. आप ने उन्हें चुनौती दी कि यदि उसने अपने विज्ञापन के लिए […]

नयी दिल्ली : केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के मुद्दे पर वाकयुद्ध में उलझी रही. केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने आप सरकार पर प्रदूषण से निपटने के बजाय अपना प्रचार करने को लेकर प्रहार किया.

आप ने उन्हें चुनौती दी कि यदि उसने अपने विज्ञापन के लिए बजट से एक भी पैसा लिया है तो वह उसे साबित कर दिखाएं. दिल्ली-एनसीआर 27 अक्टूबर को दिवाली के दिन से गहरे धुंध की चपेट में है.

यहां एक कार्यक्रम में जावडेकर ने यह सवाल करते हुए अरविंद केजरीवाल सरकार पर प्रहार किया कि क्या दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी में गंभीर वायु प्रदूषण पर लक्षित केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आदेशों का पालन कर रही है.

आप ने केंद्र सरकार को दलीय राजनीति से ऊपर उठने तथा वायु प्रदूषण को रोकने के लिए कदम उठाकर भारत की बेहतरी के लिए काम करने का अनुरोध किया. कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए जावडेकर ने कहा कि उनका मंत्रालय पराली जलाने से फैले प्रदूषण को लेकर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के साथ कई बैठकें कर चुका है.

उन्होंने कहा, प्रदूषण वाकई एक समस्या है. जब मैं मंत्री बना तब मैंने इस मुद्दे पर सभी पांच राज्यों की कई बैठकें बुलायीं. सात आठ बैठकें पहले ही हो चुकी हैं. एक अन्य बैठक शीघ्र ही होगी. मंत्री ने कहा, दिल्ली सरकार प्रदूषण के संदर्भ में सीपीसीबी के निर्देशों को चेक करे और उसे बताना चाहिए कि उसने कितना उसका पालन किया है.

दिल्ली-एनसीसीआर में प्रदूषण से निपटने के लिए सीपीसीबी के सदस्य प्रशांत गर्ग की अगुवाई में प्रदूषण रोधी दस सदस्यीय कार्यबल ने कुछ सिफारिशें की है. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के हाल के इस बयान पर कि पराली जलाने पर रोक के लिए केंद्र द्वारा दी गयी 40,000 मशीनों से 22 लाख किसानों को मदद नहीं मिल सकती है, जावडेकर ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने इसके लिए तो 1100 करोड़ रूपये दिये हैं, लेकिन दिल्ली सरकार विज्ञापनों पर व्यय करने में व्यस्त है.

उन्होंने कहा, दिल्ली सरकार सवाल कर रही है कि क्यों हमने 22 लाख किसानों को 40,000 मशीनें ही दी. मैं कहना चाहता हूं कि हमने तो पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकारों को 1100 करोड़ रुपये दिए हैं. इश्तहारों पर 1500 करोड़ रुपये खर्च करने के बजाय दिल्ली सरकार को यह राशि प्रदूषण का समाधान करने के लिए देना चाहिए.

वरिष्ठ आप नेता संजय सिंह ने यह कहते हुए पलटवार किया कि किसानों की मदद करना और उन्हें प्रौद्योगिकी मुहैया कराना राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा, मैं पर्यावरण मंत्री को यह साबित करने की चुनौती देता हूं कि हमने इश्तहारों के लिए बजट से एक भी रुपया लिया है.

दिल्ली सरकार द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार से लागू किए गए सम-विषम नंबर नियम सहित इस समस्या से जुड़े किसी अन्य सवाल का जावड़ेकर ने कोई जवाब नहीं दिया. सम-विषम नंबर नियम के समर्थन के सवाल पर उन्होंने इतना ही कहा कि वह इलेक्ट्रिक कार का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसे नंबर नियम में छूट प्राप्त है.

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