नयी दिल्ली : जननायक जनता पार्टी (जजपा) के नेता दुष्यंत चौटाला हरियाणा में भाजपा नीत सरकार में उपमुख्यमंत्री होंगे. गृह मंत्री और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने यह जानकारी देते हुए कहा कि हरियाणा के लोगों द्वारा दिये गये जनादेश को स्वीकार करते हुए दोनों दलों (भाजपा-जजपा) के नेताओं ने फैसला किया है कि हरियाणा में भाजपा-जजपा मिलकर सरकार बनायेंगे. मुख्यमंत्री भाजपा से होंगे और उपमुख्यमंत्रीजजपा से होंगे.
नयी सरकार के कुछ दिनों में शपथ लेने की संभावना है. जजपा को 10 सीटें मिली हैं.गौरतलब कि दुष्यंत चौटाला शुक्रवार को यहां भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के घर पहुंचे. दोनों के बीच एक समझौता हुआ. नयी सरकार का नेतृत्व मनोहर लाल खट्टर करेंगे. हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को 40 सीट मिली हैं तथा बहुमत के लिए उसे छह सीटों की जरूरत है. सूत्रों के अनुसार अमित शाह के घरभाजपा नेताओं की बैठक में जजपा प्रमुख दुष्यंत चौटाला की मांगों पर विचार किया गया. दुष्यंत केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर से साथ अमित शाह से मिलने उनके घर पहुंचे.
भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के घर पर महामंथन का दौर चला. आलाकमान ने हरियाणा भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला को भी अपने घर पर बुलाया. वह पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ इस बैठक में शामिल हुए. शाह के घर जाने से पहले उन्होंने मीडिया को बताया, मैं नड्डाजी के साथ बातचीत के बाद ही आगे के रास्ते के बारे में कुछ बता पाऊंगा. गृह मंत्री के आवास पर हो रही चर्चा में नड्डा और बराला के अलावा भाजपा के संगठन महासचिव बीएल संतोष एवं कुछ अन्य प्रमुख नेता मौजूद थे.
गाैरतलबहै कि जजपाप्रमुख दुष्यंत चौटाला ने शुक्रवार को संवददातासम्मेलन में कहा था कि वह हरियाणा के लोगों के हित में वैसी पार्टी का साथ देंगे जो मजबूत और स्थायी सरकार बना सके. उन्होंने हरियाणा में सरकारी नौकरियों में स्थानीय युवाओं के लिए 75 फीसदी आरक्षण, वृद्धा पेंशन में वृद्धि समेत कुछ प्रमुख मुद्दों पर न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) के तहत किसी पार्टी को समर्थन देने की बात कही थी. उनके इस बयान पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया पहले ही आ चुकी है.
इससे पहले हरियाणा कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा कह चुके हैं कि वह दुष्यंत चौटाला की मांगों से सहमत हैं. उन्होंने यहां तक कहा कि अगर दुष्यंत के पास कोई और सुझाव हैं तो उन पर भी विचार किया जायेगा. चुनाव में कांग्रेस के 31 विधायक जीतकर आये हैं. पार्टी को राज्य में सरकार बनाने के लिए जजपा के 10 विधायकों के अलावा कम-से-कम पांच निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन हासिल करना होगा. भाजपा के सामने इस तरह की परेशानी नहीं है. वह जजपा या सभी निर्दलीय विधायकों में से किसी एक का समर्थन हासिल कर सरकार बना लेगी.