हिसार (हरियाणा) : सीमा के पास हथियार गिराने के लिए ड्रोन इस्तेमाल किये जाने संबंधी रिपोर्टों के बीच, सेना के एक शीर्ष कमांडर ने बुधवार को कहा कि भारतीय सैन्य बल ऐसे उपकरणों का पता लगाने में सक्षम है और पाकिस्तान की तरफ से आने वाले किसी भी सैन्य ड्रोन को नष्ट कर दिया जायेगा.
हिसार सैन्य केंद्र में कृत्रिम बुद्धिमता पर अपनी तरह के पहले सेमिनार के इतर संवाददाताओं से बातचीत में दक्षिण पश्चिम कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल आलोक सिंह क्लेर ने यह भी कहा कि इस समय चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा, फिलहाल यहां इस आयोजन में आपने जो ड्रोन देखा है, उनके ढोने की क्षमता बहुत कम है. और हम जो सुन रहे हैं, सीमा पार इस्तेमाल किये जाने वाले ड्रोन के बारे में जो खबरें आ रही है, उनकी क्षमता भी बहुत कम है. सीमा पर ड्रोन इस्तेमाल किये जाने संबंधी खबरों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, इसलिए चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. लेफ्टिनेंट जनरल क्लेर ने कहा कि भारतीय सैन्य बलों की प्रणाली और रडार लगे हुए हैं.
उन्होंने कहा, किसी भी ड्रोन का सैन्य इस्तेमाल होने पर, भारतीय वायु सेना और थल सेना हमारी तरफ आने पर इसे मार गिराने में सक्षम हैं. पंजाब के तरनतारन में हथियारों का जखीरा और जाली मुद्रा गिराने के लिए पाकिस्तान ने सात से आठ बार जीपीएस से लैस ड्रोनों का इस्तेमाल किया. पंजाब पुलिस ने पाकिस्तान और जर्मनी में स्थित एक समूह द्वारा समर्थित खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) के आतंकी मॉड्यूल को उजागर करने का रविवार को दावा किया. कहा गया कि आतंकी समूह पंजाब और पास के राज्यों में सिलसिलेवार हमलों की साजिश रच रहे हैं. पंजाब पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि छानबीन के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया कि हथियार गिराने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया.