मुंबई : पारंपरिक पूजा-अर्चना और ‘गणपति बप्पा मोरिया’ के नारों के बीच श्रद्धालुओं ने मुंबई सहित महाराष्ट्र के कई हिस्सों में गणेश उत्सव की शुरुआत की. आर्थिक मंदी के काले बादल और राज्य के कुछ हिस्सों में भारी बारिश के बाद बाढ़ से मची तबाही के बीच इस 10 दिवसीय त्योहार की शुरुआत यहां की गयी. बाढ़ग्रस्त कोल्हापुर और सांगली जिलों सहित कई बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए गणेश मंडलों द्वारा आर्थिक सहयाता प्रदान की गयी है.
सोमवार सुबह उत्सव की शुरुआत के साथ कई मंडलों में विभिन्न आकार और अलग-अलग रंग-रूप की गणेश की मूर्तियां रखीं गई और कई श्रद्धालु बप्पा को अपने घर भी लेकर आये. लोकमान्य तिलक द्वारा करीब 100 वर्ष पहले इस उत्सव की शुरुआत की गयी थी. मुंबई के सबसे मशहूर मंडल लालबागचा राजा में सुबह-सुबह ही भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली. मुंबई के अलावा पुणे, नासिक और नागपुर जिले में भी गणेश उत्सव के रंग दिखे. एक अधिकारी ने पहले बताया था कि इस साल मुंबई में 7,703 सार्वजनिक तौर पर और 1.63 लाख घरों में गणपति विराजमन होंगे.