बेंगलुरु : इसरो ने रविवार को कहा कि उसने चंद्रयान-2 को चंद्रमा की पांचवीं एवं अंतिम कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश कराया और वह दो सितंबर को लैंडर को ऑर्बिटर से अलग करने की तैयारी कर रहा है.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने इस प्रक्रिया (मैनुवर) के पूरा होने के बाद कहा कि अंतरिक्ष यान की सभी गतिविधियां सामान्य हैं. इसरो ने एक अपडेट में कहा, प्रणोदन प्रणाली का प्रयोग करते हुए चंद्रयान-2 अंतरिक्षयान को चंद्रमा की अंतिम एवं पांचवीं कक्षा में एक सितंबर, 2019 सफलतापूर्वक प्रवेश कराने का कार्य योजना के मुताबिक छह बजकर 21 मिनट पर शुरू किया गया.
चंद्रमा की पांचवीं कक्षा में प्रवेश कराने की इस पूरी प्रक्रिया में 52 सेकेंड का समय लगा. एजेंसी ने कहा कि उसका अगला कदम चंद्रयान-2 ऑर्बिटर से ‘विक्रम’ लैंडर को अलग करना है जो दो सितंबर को दोपहर 12 बजकर 45 मिनट से एक बजकर 45 मिनट के बीच किया जायेगा.
‘विक्रम’ लैंडर सात सितंबर को तड़के डेढ़ बजे से ढाई बजे के बीच चंद्रमा की सतह पर पहुंचेगा. इसरो के चेयरमैन के सिवन के मुताबिकदो सितंबर को होने वाला लैंडर सेपरेशन काफी तेज होगा. यह उतनी ही गति से होगा जितनी गति से कोई सैटलाइट लॉन्च वीइकल से अलग होता है.
लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करेगा. सॉफ्ट लैंडिंग के बाद अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत का नाम भी इस उपलब्धि में शामिल हो जायेगा. चंद्रयान-2 को 22 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था.