नयी दिल्ली: केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने जम्मू-कश्मीर को लेकर बड़ा बयान दिया है. एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि अब से जब भी हिन्दुस्तान का मानचित्र बनाया जाए तो मैं चाहता हूं कि इसमें पाक अधिकृत कश्मीर सहित गिलगित और बलूचिस्तान को भी शामिल किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि जब हम हिन्दुस्तान की सीमाओं की बात करते हैं तो हमारी सीमा पीओके तक परिभाषित नहीं होती बल्कि इससे परे तक हमारी सीमाएं हैं. जम्मू-कश्मीर के ग्रामीण इलाकों के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली आधारभूत संरचना के शिलान्यास तथा योजनाओं की घोषणा से जुड़े एक कार्यक्रम के दौरान जितेंद्र सिंह ने कहा कि, मैं विविध विचारों के लोगों को एक मंच पर इकट्ठा कर अलग-अलग विषयों पर उनसे चर्चा करना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि ये अब ये समझने और शोध करने का समय है कि जिन भारतीय सेना के जवान जिन लोगों की सुरक्षा में तैनात हैं आखिर क्यों वे ही लोग जवानों का विरोध करते हैं और यदा-कदा चोट पहुंचाते हैं. उन्होंने कहा कि वर्तमान में हम सवाल उठा सकने की स्थिति में हैं. उन्होंने कहा कि आखिरकार क्यों हम उन अलगाववादी तत्वों पर अपने संसाधन बर्बाद कर रहे हैं जो मुल्क के दुश्मन हैं.
Redraw Indian map with PoK, Gilgit-Baltistan: Jitendra Singh
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— ANI Digital (@ani_digital) August 28, 2019
‘घाटी के लोगों को महसूस कराएं अपनापन’
इस दौरान राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के सह सरकार्यवाह गोपाल कृष्ण ने स्थानीय लोगों को राष्ट्र तथा सीमा सुरक्षा के लिए पहली पंक्ति के तौर पर तैयार करने से संबंधित ब्लूप्रिंट सामने रखा. उन्होंने कहा कि स्थानीय लोग सुरक्षा पंक्ति के तौर पर सबसे सशक्त होंगे. गोपाल कृष्ण ने देश के बाकि हिस्सों में रहने वाले लोगों से आग्रह किया है कि वे समय-समय पर घाटी का दौरा करें और यहां समय व्यतीत करें. स्थानीय लोगों से संवाद स्थापित करके विश्वास कायम करने की कोशिश करें. गोपाल कृष्ण ने कहा कि लोग यहां आएं और सुनिश्चित करें कि स्थानीय लोगों को भी आपकी सेवा का लाभ मिल सके.
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है. लेकिन इससे पहले यहां लोगों को विश्वास में लेना होगा जोकि केवल सरकारी प्रयासों से संभव नहीं होगा. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों में अपनापन का भाव उत्पन्न करने के लिए जरूरी है कि देश के बाकि हिस्सों से लोग यहां आएं और अपनी सेवा से ये महसूस कराएं कि वे भी हमारे हैं.
‘पीओके और अक्साई चीन भी हमारा हिस्सा’
बता दें कि जब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाकर उसे केंद्रशासित प्रदेश बना दिया था. उस समय अमित शाह ने बयान दिया था कि केवल जम्मू-कश्मीर नहीं बल्कि पाक अधिकृत कश्मीर और अक्साई चीन भी हिन्दुस्तान का अभिन्न इलाका है. गौरतलब है कि इस फैसले के बाद से पाकिस्तान के साथ भारत के रिश्ते तनावपूर्ण हैं. पाकिस्तान ने भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार पर प्रतिबंध लगाने के साथ-साथ भारत-पाकिस्तान के बीच समझौता एक्सप्रेस, थार एक्सप्रेस तथा लाहौर बस सेवा को स्थायी तौर पर रद्द कर दिया है. यही नहीं, पाकिस्तान ने अपने हवाई क्षेत्र को भी भारतीय उड़ानों के लिए प्रतिबंधित करने का फैसला किया है. हालांकि इन कठोर फैसलों के बाद भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का समर्थन हासिल कर पाने में असफल रहे हैं.
चीन के अलावा बाकी तमाम देशों ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने को हिन्दुस्तान का आंतरिक मामला बताया है. पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दो-तीन बार मामले में मध्यस्थता की पेशकश की थी जिसे भारत ने ठुकरा दिया था. हाल ही में जी-7 देशों की बैठक के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई जिसके बाद साझे प्रेस-कांफ्रेंस में डोनाल्ड ट्रंप ने इसे भारत का आंतरिक मामला करार दिया.