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आज चंद्रमा की अगली कक्षा में दाखिल होगा चंद्रयान-2, 7 सितंबर को चांद पर होगी लैंडिंग, ऐसा होगा अंतिम 4 दिनों का सफर

अपनी लॉन्चिंग के 29 दिन बाद यानी 20 अगस्त को चंद्रयान-2 मंगलवार को सुबह चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर गया. इसरो ने अपने बयान में कहा कि लूनर ऑर्बिट इंसर्शन (एलओआइ) प्रक्रिया सुबह नौ बज कर दो मिनट पर सफलतापूर्वक पूरी कर ली गयी. इसरो के मुताबिक, तीन सितंबर को तीन सेकेंड के लिए […]

अपनी लॉन्चिंग के 29 दिन बाद यानी 20 अगस्त को चंद्रयान-2 मंगलवार को सुबह चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर गया. इसरो ने अपने बयान में कहा कि लूनर ऑर्बिट इंसर्शन (एलओआइ) प्रक्रिया सुबह नौ बज कर दो मिनट पर सफलतापूर्वक पूरी कर ली गयी. इसरो के मुताबिक, तीन सितंबर को तीन सेकेंड के लिए कक्षीय बदलाव होगा ताकि किसी खतरे के बारे में जानकर उसे टाला जा सके. इसके बाद चंद्रयान को चंद्रमा की सतह से लगभग 100 किमी की दूरी पर ध्रुवों के ऊपर से गुजर रही इसकी अंतिम कक्षा में पहुंचाया जायेगा. सात सितंबर को फाइनल लैंडिंग करायी जायेगी.
22 जुलाई (पहला दिन)
इसरो के सबसे भारी रॉकेट जीएसएलवी-मार्क 3 (बाहुबली) की मदद से प्रक्षेपित, 23 दिन लगे पहले चरण में
होगा चुनौतियों से सामना
चंद्रमा और पृथ्वी के बीच के असमान गुरुत्वाकर्षण
सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग है सबसे बड़ा चैलेंज क्योंकि वहां हवा नहीं
पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर है चंद्रमा का एक दिन, यानी सतह पर होगा अत्यधिक तापमान
अगले 14 दिन
चंद्रमा की सतह पर होगा रिसर्च. 27 किलोग्राम का रोवर ‘प्रज्ञान’ चंद्रमा की सतह पर करेगा प्रयोग. लैंडर के साथ करेगा कम्यूनिकेट
ऐसा होगा अंतिम चार दिनों का सफर
04 दिन तक 30×100 किमी के
दायरे में लगायेगा चांद का चक्कर
6000 किमी/घंटा होगी स्पीड
526 किमी/घंटा होगी रफ्तार, जब लैंडर चंद्रमा की सतह से 7.4 किमी ऊपर होगा. सतह पर उतरते ही बंद हो जायेगा इंजन
15 मिनट बाद इसरो को मिलेगी चंद्रमा की पहली तस्वीर
04 घंटे बार रोवर ‘प्रज्ञान’ चांद की सतह पर आयेगा और 500 मीटर तक चलेगा
20 अगस्त (30वां दिन)
वाह्य कक्षा में घूमता हुआ चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा अगले 13 दिन लगाता रहेगा चंद्रमा का चक्कर
02 सितंबर (43वां दिन)
1471 किलोग्राम का लैंडर ‘विक्रम’ और ऑर्बिटर होंगे अलग-अलग
03 सितंबर (44वां दिन)
03 सेकेंड के लिए होगा कक्षीय बदलाव, किसी खतरे के बारे में ली जायेगी जानकारी. इसके बाद चंद्रयान-2 को चंद्रमा की सतह से लगभग 100 किमी की दूरी पर ध्रुवों के ऊपर से गुजर रही इसकी अंतिम कक्षा में पहुंचाया जायेगा
07 सितंबर (48वां दिन)
फाइनल लैंडिंग का दिन. उतरने से पहले दिये जायेंगे कमांड ताकि लैंडर सही सलामत उतारा जा सके
चंद्रमा की कक्षा में चंद्रयान-2 के प्रवेश करने पर टीम इसरो को बधाई. यह चंद्रमा की मील का पत्थर माने जाने वाली यात्रा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
यान ने भेजा संदेश हेलो! मैं चंद्रयान-2
‘हैलो! मैं चंद्रयान-2 हूं, विशेष अपडेट के साथ. मैं आप सबको बताना चाहूंगा कि अब तक का मेरा सफर शानदार रहा है और मैं चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सात सितंबर को उतरूंगा.

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