बालासोर (ओड़िशा) : भारत ने रविवार को ओड़िशा के एक परीक्षण केंद्र से सतह से हवा में मार करने वाली अपनी अत्याधुनिक त्वरित प्रतिक्रिया मिसाइलों (क्यूआरएसएएम) का सफल परीक्षण किया. जिन दो मिसाइलों का परीक्षण किया गया वे लक्ष्यों को भेदने में सफल रहीं. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने बालासोर के समीप चांदीपुर के एकीकृत परीक्षण केंद्र से दो ऐसी मिसाइलों का सफल परीक्षण किया.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘परीक्षण के दौरान इन दो मिसाइलों ने दो लक्ष्यों को भेदा और अपने मिशन को पूरा करने में वे सफल रहीं. कई अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों से लैस इन क्यूआरएसएएम ने विभिन्न दूरियों और ऊंचाइयों पर लक्ष्यों को भेदा.’ इस पूरे मिशन को विभिन्न इलेक्ट्रो ऑप्टिकल निगरानी प्रणाली, रडार प्रणाली और टेलीमैट्री प्रणाली में कैद किया गया.
सभी मौसमों और सभी भौगोलिक क्षेत्रों के अनुकूल इस क्यूआरएसएएम को भारतीय सेना के लिए विकसित किया है. यह मिसाइल कुछ ही समय में लक्ष्य का पता लगाकर उसे भेद देने में सक्षम है. बयान के अनुसार, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस अहम उपलब्धि पर डीआरडीओ को बधाई दी है.
क्या है विशेष
रक्षा सूत्रों के अनुसार, इस मिसाइल में इलेक्ट्रोनिक निरोधक तंत्र लगे हैं जिससे इसे रडार द्वारा जाम नहीं किया जा सकता है. इस मिसाइल को एक ट्रक के ऊपर लगाया जा सकता है और यह एक कनस्तर में समा सकती है. यह 25-30 किलोमीटर तक मार कर सकती है. सूत्रों के अनुसार, इस मिसाइल का पहला परीक्षण चार जून, 2017 को किया गया था. 26 फरवरी, 2019 को भी इसका सफल परीक्षण किया गया था.