नयी दिल्ली : कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाने की इच्छा रखनेवाले तीर्थयात्रियों के चयन के लिए बुधवार को कंप्यूटर के जरिए ड्रॉ निकाला गया. इसमें सॉफ्टवेयर में पहली बार आवेदन करने वालों को प्राथमिकी देने या वरिष्ठ नागरिकों की पसंद के मार्ग को शामिल किया गया है.
विदेश सचिव विजय गोखले ने जवाहर नेहरू भवन में आयोजित हुए इस ड्रॉ की अध्यक्षता की और उन्होंने इस दौरान तीर्थयात्रियों से हिमालय के संवेदनशील पर्यावरण की ‘सुरक्षा और संरक्षण’ की अपील की. विदेश मंत्रालय हर साल जून से लेकर सितंबर के बीच में इस यात्रा का आयोजन दो मार्गों लिपुलेख दर्रा (उत्तराखंड) और नाथूला दर्रा (सिक्किम) के जरिए करता है.
यह यात्रा अपने धार्मिक मूल्यों और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है. इस यात्रा में हर साल सैकड़ों लोग हिस्सा लेते हैं. कैलाश मानसरोवर यात्रा 2019 के लिए मंत्रालय को 2,996 आवेदन मिले. इनमें से 2,256 आवेदनकर्ता पुरुष और 740 महिलाएं हैं. वहीं, 640 वरिष्ठ नागरिकों ने भी इस यात्रा के लिए आवेदन किया है.
लिपुलेख दर्रा मार्ग के लिए प्रत्येक जत्थे में 58 यात्री होंगे और कुल 18 जत्था होगा. वहीं नाथू ला दर्रा मार्ग में 10 जत्था होगा और प्रत्येक जत्थे में 48 यात्री होंगे. प्रत्येक जत्थे में दो अधिकारी सहायता के लिए होंगे.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नाथू ला मार्ग लिपुलेख मार्ग की अपेक्षा कम दुर्गम है. इसलिए वरिष्ठ यात्री नाथूला मार्ग को प्राथमिकी देते हैं. इस यात्रा में करीब 19,500 फुट तक की चढ़ाई करनी होती है.