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आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को कांग्रेस ने किया कमजोर, इमरान के ”मोदी प्रेम” पर भी बोले राजनाथ

नयी दिल्लीः पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के ‘नरेंद्र मोदी प्रेम’ पर सवाल खड़ा करते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अगर सचमुच ऐसा है तो वह (इमरान) सुनिश्चित करें कि पाकिस्तान की धरती पर वह न तो आतंकवाद पैदा होने देंगे, न पनपने देंगे और न ही पलने देंगे. राजनाथ सिंह ने एक […]

नयी दिल्लीः पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के ‘नरेंद्र मोदी प्रेम’ पर सवाल खड़ा करते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अगर सचमुच ऐसा है तो वह (इमरान) सुनिश्चित करें कि पाकिस्तान की धरती पर वह न तो आतंकवाद पैदा होने देंगे, न पनपने देंगे और न ही पलने देंगे. राजनाथ सिंह ने एक साक्षात्कार में कहा कि अगर पाकिस्तान आतंकवाद को खत्म करने के लिए गंभीरता दिखाता है तो भारत हरसंभव मदद करेगा. बता दें कि 10 अप्रैल को इमरान खान ने कहा था कि अगर चुनाव में भाजपा और नरेंद्र मोदी दोबारा जीतते हैं तो यह भारत-पाक के बीच शांति के लिए बहुत ही अच्छा होगा. भारत में चुनावी माहौल में इस बयान ने विपक्षी दलों को मौका दे दिया और उन्होंने पीएम को घेरने के लिये इमरान के ‘मोदी प्रेम’ का मुद्दा उठाया. यह पूछे जाने पर कि क्या इमरान का बयान यह जाहिर करता है कि वह भारतीय पीएम के प्रशंसक हैं, सिंह ने कहा कि इसका जवाब तो वे (इमरान) ही दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को यह घोषणा करनी चाहिए कि वह अपनी धरती से आतंकवाद का पूरी तरह सफाया कर देगा. अगर वहां से यह बयान आता है तब हम मानेंगे कि इमरान मोदी के प्रशंसक हैं . यह पूछे जाने पर कि क्या भारत पाकिस्तान की मदद करना चाहेगा, गृह मंत्री ने कहा कि भारत पूरे दिल से ऐसे कदम का समर्थन करेगा.

पाक पीएम को आमंत्रण पर ये बोले
मोदी सरकार की पाकिस्तान नीति पर विपक्ष द्वारा सवाल उठाए जाने के बारे में पूछने पर गृह मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी ने शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया और प्रोटोकॉल तोड़कर वहां जाकर एक अच्छी पहल की. पहली बार गैर कांग्रेसी सरकार बनी थी और एक प्रयास किया गया. यह पूछे जाने पर कि क्या राजग की सत्ता में पुन:वापसी होने पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को इसी तरह फिर से आमंत्रित किया जाएगा, सिंह ने कहा कि अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि किसे बुलाया जाएगा और किसे नहीं.
कांग्रेस सरकार पर बोला हमला
राजनाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस नीत संप्रग सरकार की पाकिस्तान नीति को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि 2004 में तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ इस बयान के लिए सहमत थे कि पाकिस्तान अपनी धरती का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए नहीं होने देगा. लेकिन एक साल बाद, कांग्रेस के शासनकाल में नयी दिल्ली से यह बयान दिया गया कि भारत ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान भी आतंकवाद से पीड़ित है. सिंह ने कहा कि यह बहुत बड़ी भूल थी.
साध्वी प्रज्ञा का किया बचाव
भोपाल से साध्वी प्रज्ञा को टिकट दिये जाने के औचित्य एवं हेमंत करकरे संबंधी बयान पर गृह मंत्री ने कहा कि चुनाव आयोग ने कहा है कि वह चुनाव लड़ सकती हैं. उन्हें निचली अदालत ने भी दोषी नहीं ठहराया है. जहां तक उनके बयान का सवाल है, उन्होंने माफी मांग ली है. राजनाथ के अनुसार, विडंबना यह है कि कांग्रेस ने आतंकवाद को धर्म के साथ जोड़कर और हिन्दू आतंकवाद की नई थ्योरी देकर इस बुराई के खिलाफ लड़ाई को कमजोर किया है. आतंकवाद, आतंकवाद होता है. इसकी जाति, इसका धर्म, मजहब नहीं होता. आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय को साथ लेने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन कांग्रेस ने इस लड़ाई को ही कमजोर कर दिया.
राष्ट्रवाद चुनावी मुद्दा नहीं
चुनाव में राष्ट्रवाद को मुख्य मुद्दा बनाये जाने संबंधी सवाल पर गृह मंत्री ने कहा कि राष्ट्रवाद हमारे लिये चुनावी मुद्दा नहीं बल्कि हमारी प्राथमिकता है. लेकिन सेना के जवानों के शौर्य और पराक्रम की प्रशंसा करना क्या अपराध है. केवल चुनाव के दौरान ही नहीं, हमने पहले भी उनका शौर्यगान किया है. भाजपा नेता ने इस बात से इंकार किया कि उनकी पार्टी ने किसी की राष्ट्रभक्ति पर सवाल उठाया है. उन्होंने साथ ही कहा कि सेना के पराक्रम पर लोगों को गर्व की अनुभूति होनी चाहिये.
दुनिया में पहली बार इतना बड़ा एयर स्ट्राइक
कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों का परोक्ष संदर्भ देते हुए सिंह ने कहा कि ये लोग परेशान क्यों थे. बालाकोट के बाद आतंकियों की संख्या के बारे में क्यों पूछने लगे. उन्होंने साथ ही कहा कि इटली के एक पत्रकार ने बालाकोट एयर स्ट्राइक में 170 आतंकियों के मारे जाने का जिक्र किया है. उन्होंने कहा कि मारे गए आतंकियों की संख्या उसी दिन मिल गई थी लेकिन वह इसका खुलासा नहीं करेंगे. राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन (बालाकोट एयर स्ट्राइक) विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर हुआ. शायद दुनिया में भी आतंकवाद के खिलाफ इतना बड़ा ऑपरेशन पहले नहीं हुआ. गृह मंत्री ने पुलवामा आतंकी हमले को खुफिया विफलता मानने से इंकार करते हुए कहा कि इसकी जांच चल रही है.
नोटबंदी-जीएसटी को जनता ने किया स्वीकार
नोटबंदी, जीएसटी और कालाधन के बारे में उन्होंने कहा कि जीएसटी और नोटबंदी को लोगों ने स्वीकार कर लिया है. कालाधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार ने कड़ी कार्रवाई की है. बेनामी सम्पत्ति कानून बनाया गया. प्रत्यक्ष नकद अंतरण की व्यवस्था के कारण करीब 1.10 लाख करोड़ रूपये की बचत हुई है.

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