हौसलों की उड़ान के सामने जज्बातों की चुनौतियां धूमिल हो जाती है. लेह की डीसी अवनी लवासा इसे सच साबित कर रही हैं. 2013 बैच की इस आइएएस अफसर ने अपने बुलंद इरादों के दम पर लेह के सबसे ऊंचे बूथ से लेकर बिना रास्ते वाले तीन बूथों पर खच्चरों की मदद से मतदान करने की पूरी मशीनरी को स्थापित किया है.
वोटरों से यह भी आह्वान किया है कि छह मई को होने वाले चुनाव में लेह में एक भी वोटर छूट न पाए. लेह की इस पहली महिला आइएएस से पहले 48 डीसी लेह में अपनी सेवाएं दे चुके हैं, लेकिन अवनी ने अपने बूते सबसे ऊंचाई के 294 बूथों पर हर वोटर को वोट देने के लिए प्रेरित कर रही हैं.
यहां मतदाताओं की संख्या भी कम है. इसके अलावा यहां कुल 11,316 मतदान केंद्र हैं. गेअक मतदान केंद्र संख्या 38 सबसे ऊंचाई पर है और यहां केवल 12 मतदाता है. गेअक गांव के मतदाताओं में केवल पांच पुरुष और सात महिलाएं हैं. इस तरह से एक और मतदान केंद्र है, अलनाल फो जो कि समुद्र तल से 14,890 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. यह देश का सबसे ऊंचाई वाला पोलिंग बूथ है. वह बताती हैं कि प्रबंधन ऐसा है नित्य नयी चुनौतियां हैं. आप रुक नहीं सकते. मौसम बहुत विपरीत है.
ठंड बहुत है. नेटवर्क है नहीं. कई जगहों पर संपर्क मार्ग का भी अभाव है. हनकर, मरकाह, फसटन ऐसे पोलिंग बूथ हैं, जहां जाने के लिए सामान्य मार्ग है ही नहीं. वहां हमने खच्चरों की मदद से इवीएम और वीवीपीएट पहुंचाये हैं. लगभग दो हजार वोटर हैं. यहां ज्यादातर मतदान केंद्र 8,001 से 13,000 फीट की ऊंचाई पर हैं. इसमें अधिकतम ऊंचाई वाले स्टेशनों की संख्या 183 है. जबकि सात से आठ हजार फीट की ऊंचाई पर 190 स्टेशन हैं.