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अटल व आडवाणी की विरासत संभालने को आतुर गांधीनगर, अमित शाह इस बार खुद मैदान में

गांधीनगर से अंजनी कुमार सिंह अब तक चुनाव की कमान संभालने वाले अमित शाह इस बार खुद मैदान में 30 साल से भाजपा का मजबूत किला रहा है गुजरात की सबसे अहम और वीआइपी सीटों में से एक है गांधीनगर लोकसभा सीट. यह न सिर्फ राज्य की राजधानी है, बल्कि भारतीय जनता पार्टी का गढ़ […]

गांधीनगर से अंजनी कुमार सिंह
  • अब तक चुनाव की कमान संभालने वाले अमित शाह इस बार खुद मैदान में
  • 30 साल से भाजपा का मजबूत किला रहा है
गुजरात की सबसे अहम और वीआइपी सीटों में से एक है गांधीनगर लोकसभा सीट. यह न सिर्फ राज्य की राजधानी है, बल्कि भारतीय जनता पार्टी का गढ़ भी है. पिछले 30 साल से गांधीनगर भाजपा का मजबूत किला रहा है और इसे बनाने में अमित शाह की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. वह 23 सालों तक सीधे तौर पर इस सीट के इंजार्च भी रहे हैं.
भाजपा के संस्थापक सदस्यों में रहे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व उप प्रधान मंत्री लालकृष्ण आडवाणी की विरासत को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संभालें, इसके लिए पार्टी कार्यकर्ता जी-जान से जुटे हैं. चूंकि अटल-आडवाणी के हर चुनाव में अमित शाह ने ही सारथी की भूमिका निभायी है, इसलिए भाजपा को इसका लाभ भी मिलता दिख रहा है. वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी डॉ सीजे चावडा विधायक हैं.
मुस्लिम तथा दलित वोटरों पर उनकी पकड़ मजबूत बतायी जा रही है, लेकिन कांग्रेस के परंपरागत वोटर भी नरेंद्र मोदी के नाम पर असमंजस की स्थिति में दिख रहे हैं. इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि साबरमती विधानसभा क्षेत्र के धर्मेश पटेल जहां मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए अमित शाह को जिताना जरूरी बताते हैं, वहीं चंद्रकांत पटेल गुजराती पीएम को लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति में है, जबकि पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस को वोट दिया था.
बाहर से शांत, पर अंदर हर व्यक्ति काम में मशगूल
गांधीनगर में अवस्थित प्रदेश भाजपा मुख्यालय श्रीकमलम बाहर से बिल्कुल शांत दिखता है. बाहर से किसी तरह की चुनावी हलचल नहीं दिखायी देती है, लेकिन मुख्यालय के अंदर उतनी ही चहल-पहल है.
हर व्यक्ति काम में मशगूल दिखता है. व्हाटसएप और ट्विटर पर ट्रेंड हो रही खबरों पर खास ध्यान दिया जा रहा है. पीएम मोदी के चुनावी भाषण को सुन कर रणनीति बनायी जाती है. राज्यभर से ऑफिस में फोन आ रहे हैं और यहां से कार्यकर्ताओं को जरूरी टिप्स भी दिये जा रहे हैं. मुख्यालय के हर कर्मचारियों के पास एक तय जिम्मेवारी है, जिसे नियत समय में पूरा करने का दारोमदार भी उन्हीं के ऊपर है.
बदला प्रचार का तरीका, हर बूथ के मतदाता को साधने में जुटी भाजपा
भाजपा प्रचार के तरीकों में बदलाव करके हर मतदाताओं के घर पहुंच कर उससे संपर्क साधने में जुटी है. गांधीनगर क्षेत्र में दो हजार से ज्यादा मतदान केंद्र हैं और सभी बूथों पर भाजपा कार्यकर्ताओं का नेटवर्क है. प्रत्येक घर में एक साथ एक ही दिन में संपर्क किया जाता है. एक टोली में 20-40 कार्यकर्ता हैं.
एक बूथ की तीन टोली संपर्क साधती है. टोली में हर पन्ना प्रमुख (50 मतदाताओं पर एक प्रमुख), जो भाजपा का चिह्नित कार्यकर्ता है, वह शामिल होता है. इस तरह से दो लाख से ज्यादा भाजपा कार्यकर्ता अलग-अलग क्षेत्रों में एक साथ एक ही दिन में मतदाताओं से संपर्क साधते हैं. पूरे संसदीय क्षेत्र में अबतक तीन बार मतदाताओं से संपर्क साधा जा चुका है. अप्रैल के पहले सप्ताह में पहला चरण, 11 अप्रैल को दूसरा चरण तथा 15 अप्रैल को तीसरा चरण पूरा हो चुका है. इसके साथ ही युवा कार्यकर्ता, महिला कार्यकर्ता अलग से लोगों से संपर्क साधने में जुटे हैं. कार्यकर्ता ‘भाजपा को वोट देने’ के साथ ही ‘भारत माता की जय’ और ‘अबकी बार फिर से मोदी सरकार’ का नारे लगाते हुए बढ़ते हैं.
प्रचार का एक तरीका ग्रुप मीटिंग भी
प्रचार का एक तरीका ग्रुप मीटिंग भी है. दो-तीन बूथ को मिला कर ग्रुप मीटिंग की जाती है, जिसमें 2000 से ज्यादा मतदाता हिस्सा लेते हैं. इस बैठक में भाजपा के राज्य स्तरीय बड़े पदाधिकारी प्रचार करते हैं.
प्रदेश मीडिया प्रभारी प्रशांत बाला बताते हैं, हर बूथ के मतदाताओं के साथ तीन बार संपर्क अभियान पूरा हो चुका है. अबतक 400 से ज्यादा ग्रुप मीटिंग्स हो चुकी हैं और इतने अभी प्रस्तावित है. अमित शाह जी के यहां से चुनाव लड़ने के कारण पूरे राज्य में उत्साह का माहौल है. इस बार सरकार के पांच साल के विकास कार्य के बल पर भी शाह भारी मतों से जीतेंगे.
शाह संभालें देश, हम यहां संभालेंगे
गांधीनगर के किसान सर्किल के पास लोगों का जमावड़ा है. इनमें चिलोड़ा गांव के कुछ किसान भी हैं. मनु भाई बताते हैं, हमने अमित शाह को कहा गया है कि वह पूरा देश संभालें, गांधीनगर यहां की जनता संभालेगी.
साथ खड़े कन्हैया लाल सहमति जताते हुए एक होर्डिंग की ओर इशारा करते हैं, जिस पर मोदी-शाह की फोटो है और लिखा है, ‘भारत को महाशक्ति बनाने के लिए अमित शाह को भारी मतों से जिताएं और मोदी को एक बार फिर से पीएम बनाएं.’
लोस चुनाव, 2014 का परिणाम
पार्टी वोट प्रतिशत लाभ/हानि
भाजपा 773,539 68.03 +13.14
कांग्रेस 290,419 25.54 -13.95
आप 19,966 1.76 पहली बार
बसपा (छठा स्थान) 6,068 0.53 -0.22
कुल वोटिंग 1,135,495 65.49 +14.27
जीत का अंतर 483,121 42.49 +27.09
नोट : यह सीट 1967 में बनी. अब तक यहां 13 आम चुनाव और एक उपचुनाव हुए.
इस सीट से किसकी कितनी बार जीत
कांग्रेस : 4 बार
1967, 1971, 1980, 1984
भालोद : 1 बार
1977
भाजपा : 9 बार
1989 से 2014 तक
भाजपा नेता : इस सीट से चुने गये सांसद
1989
शंकर सिंह बघेला
1991
एलके आडवाणी
1996
अटल बिहारी वाजपेयी
1996 उपचुनव
विजय भाई पटेल
1998-2014
एलके आडवाणी
गांधीनगर लोकसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा करीब 2.50 लाख वोट पाटीदार समुदाय के हैं, जबकि 1.40 लाख वैश्य मतदाता हैं. वहीं, 1.30 लाख ठाकोर मतदाता हैं, जबकि 1.88 लाख दलित वोटर हैं.

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