नयी दिल्ली : अंडमान एवं निकोबार कमान के कमांडर इन चीफ वाइस एडमिरल विमल वर्मा यह जानने की मांग के साथ सशस्त्र बल न्यायाधिकरण (एएफटी) पहुंचे कि ‘लाइन ऑफ कमान’ में वरिष्ठतम होने के बावजूद अगले नौसेना प्रमुख पद के लिए उन्हें नजरअंदाज क्यों किया गया. यह बात आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को कही.
एएफटी को दी गयी याचिका में वर्मा ने पूछा कि सरकार ने उनकी वरिष्ठता को नजरअंदाज करते हुए वाइस एडमिरल करमबीर सिंह को अगला नौसेना प्रमुख नियुक्त क्यों किया. उनकी याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होने की संभावना है. सरकार ने गत महीने वाइस एडमिरल करमबीर सिंह को अगला नौसेना प्रमुख नामित किया था जो कि एडमिरल सुनील लांबा का स्थान लेंगे. एडमिरल लांबा 30 मई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. सरकार ने यह चयन मेरिट आधारित रुख अपनाते हुए किया और पद पर वरिष्ठतम अधिकारी को नियुक्त करने की परंपरा का पालन नहीं किया. वाइस एडमिरल वर्मा सिंह से वरिष्ठ हैं और वह शीर्ष पद के लिए दावेदारों में शामिल थे.
सूत्रों ने कहा कि वर्मा के अलावा नौसेना प्रमुख के लिए अन्य दावेदारों में वाइस चीफ ऑफ नेवल स्टाफ वाइस एडमिरल जी अशोक कुमार, पश्चिमी नौसेना कमान के एफओसी इन सी वाइस एडमिरल अजित कुमार और दक्षिणी नौसेना कमान के एफओसी इन सी वाइस एडमिरल अनिल कुमार चावला शामिल थे. वर्ष 2016 में सेना प्रमुख नियुक्त करते समय सरकार ने वरिष्ठता के साथ जाने की पुरानी परंपरा का पालन नहीं किया था.