इराक में जारी संकट की स्थिति के बीच वहां कार्यरत 46 नर्सें, जिन्हें आतंवादियों ने अगवा कर लिया था, आज सकुशल अपने देश वापस लौट आयीं. वापसी के बाद जहां नर्सों ने चैन की सांस ली है और भगवान का शुक्रिया अदा किया है, वहीं उनके परिजन भी काफी खुश हैं. इराक में फंसी इन भारतीय नर्सों को सकुशल स्वदेश वापस लाकर भारत का विदेश मंत्रालय भी काफी खुश है.
कोच्चि पहुंचा विमान,चांडी ने किया नर्सों का स्वागत
अगवा नर्सों की स्वदेश वापसी का श्रेय अगर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को दिया जाये, तो यह गलत नहीं होगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अकबरुद्दीन ने ट्वीट किया है कि अब इराक में फंसे 76 अन्य कामगारों को वापस लाने में सरकार जुटी है और हैदराबाद के इन लोगों को लेकर इराक से जल्दी ही विमान भारत के लिए उड़ेगा
Air India from Iraq – next destination is Hyderabad! 76 Indian workers from Kirkuk to disembark at Hyderabad.
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) July 5, 2014
सुषमा ने दिखाया अपना कौशल
जब से इराक में आतंकवादियों ने भय का वातावरण बनाया, भारत का विदेश मंत्रालय सक्रिय हो गया और तमाम कोशिश कीं, ताकि भारतीयों को स्वदेश वापस लाया जा सके. स्वयं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पूरे मामले का निरीक्षण किया और मंत्रालय द्वारा पल-पल की खबर अगवा नर्सों के परिजनों तक पहुंचायी गयी. सुषमा स्वराज भाजपा की कद्दावर नेता हैं और उनकी योग्यता पर प्रश्नचिह्न इसलिए भी नहीं लगाया जा सकता, क्योंकि वे मोदी विरोधी मानी जातीं थीं, लेकिन उन्हें नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार में राजनाथ सिंह के बाद स्थान देते हुए विदेश मंत्री बनाया.
सुषमा ने नहीं दुहराई जसंवत सिंह की गलती
1999 में जब आतंकवादी अजहर मसूद की रिहाई के लिए भारतीय विमान का अपहरण कर लिया था. उस वक्त भी सरकार ने यात्रियों की जान तो बचा ली थी, लेकिन जसवंत सिंह अजहर मसूद को खुद अपने विमान में साथ लेकर गये थे. जसवंत सिंह का यह कृत्य आज भी भाजपा सरकार की निंदा का कारण बनता है.
क्या था कंधार विमान अपहरण मामला
1999 में एयर इंडिया के विमान आईसी-814 का पाकिस्तान के पांच आतंकवादियों ने अपहरण कर लिया था. उस विमान में 176 यात्री सवाल थे. दुबई में आतंकवादियों ने एक यात्री रूपेन कात्याल की हत्या भी कर दी थी. आतंकवादी भारत में बंद तीन आतंकवादियों की रिहाई की मांग कर रहे थे, जिनमें से एक अजहर मसूद भी था. यात्रियों को बचाने के लिए भारत सरकार ने तीनों आतंकियों को रिहा किया था, जिसके एक सप्ताह बाद भारत का विमान वापस लौटा था. इस घटना को लेकर भाजपा सरकार की काफी किरकिरी हुई थी.